Indian startups: सिंगापुर और कनाडा की कई अंतरराष्ट्रीय स्टार्टअप कंपनियों ने भारत में अपने कारोबार का विस्तार करने में रुचि दिखाई है. स्टार्टअप कंपनियों ने हांगकांग साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क्स कॉरपोरेशन (एचकेएसटीपी) द्वारा आयोजित वैश्विक पिच प्रतियोगिता ईपीआईसी 2025 के दौरान 'पीटीआई-भाषा' के साथ बातचीत में भारत में अपने कदम बढ़ाने की इच्छा जताई. पिच प्रतियोगिता एक ऐसी प्रतियोगिता है, जहां उद्यमी अपने व्यावसायिक विचारों को निर्णायकों और निवेशकों के सामने प्रस्तुत करते हैं. 

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प्रतियोगिता की डिटेल

प्रतियोगिता के दौरान 70 से अधिक देशों से आए 1,200 स्टार्टअप में से 100 को तीन श्रेणियों डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, वित्त प्रौद्योगिकी और हरित प्रौद्योगिकी में चुना गया. इनमें भारत के दो स्टार्टअप भी शामिल हैं. यह वार्षिक कार्यक्रम संस्थापकों को वैश्विक निवेशकों, कॉरपोरेट सहयोगियों और उभरते बाजारों से जोड़ने का अवसर देता है. एचकेएसटीपी के चेयरमैन सनी चाई ने कहा, ''हम हांगकांग की कनेक्टिविटी को गति प्रदान कर रहे हैं, जिससे विचारों को सीमाओं के पार ले जाने और विस्तार करने में मदद मिल रही है.'' 

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सिंगापुर की कंपनी एनईयू बैटरी मैटेरियल्स के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ब्रायन ओह ने कहा, ''हमारी प्राथमिकता सिंगापुर से परे अपने व्यवसाय को बढ़ाना है, क्योंकि बैटरी पुनर्चक्रण केवल सिंगापुर या हांगकांग की समस्या नहीं है, यह एक वैश्विक समस्या है. हम अपनी प्रक्रिया और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इसका समाधान करना चाहते हैं.'' भारत के लिए योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, भारत स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण वाला एक बड़ा बाजार है, तथा बैटरी  पुनर्चक्रण में शामिल कुछ स्टार्टअप वहां अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. 

भारत में स्टार्टअप कल्चर काफी तेजी से बढ़ रहा है. बहुत से भारतीय युवा नौकरी करने की जगह पर स्टार्टअप का रास्ता अपना रहे है. युवाओं ने इस क्षेत्र में सफलता की नई कहानियां भी लिखी हैं. यह बदलते भारत और युवाओं की सोच को दर्शाता है.  

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