दिसंबर में बचत ही बचत... कम हो जाएगा इंटरेस्ट रेट, अमेरिकी फर्म ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी
RBI Rate Cut in December: रिजर्व बैंक ने भले ही इस बार रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की है, लेकिन ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि दिसंबर में आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है.

RBI Rate Cut in December: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में हुई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की. बैठक में रेपो रेट को 5.5 परसेंट पर बरकरार रखा गया. यह लगातार दूसरी बार था, जब रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. इस बीच, ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली के लगाए गए अनुमान के मुताबिक, RBI दिसंबर 2025 में रेपो रेट कम कर सकता है. इसके बाद फरवरी 2026 में एक और कटौती की उम्मीद है. इसी के साथ साल 2026 के आखिर तक रेपो रेट अभी के 5.50 परसेंट से घटकर 5.00 परसेंट पर आ सकती है.
किस आधार पर ब्रोकरेज ने लगाया अनुमान?
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स में नरमी, कच्चे तेल और खाने-पीने की चीजों की कम हुई महंगाई को देखते हुए रिजर्व बैंक अधिक उदार रूख अपना सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मंहगाई में नरमी एक ऐसे समय पर आई है, जब विकास की रफ्तार कमजोर पड़ रही है. इससे दरों में ढील देने की संभावना बढ़ गई है.
अगर रेपो रेट में फिर से कटौती की जाती है, तो अनुमानित 5.00 परसेंट की दर हाल के सालों में यह सबसे कम नीतिगत दर होगी. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था में उधारी की लागत कम होगी, परिवारों को ऋण पर राहत मिलेगी और आवास, ऑटोमोबाइल और बुनियादी ढांचे में नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कम दरें उपभोग को बढ़ावा दे सकती हैं और भारत की विकास गाथा को नई गति प्रदान करने में मदद कर सकती हैं.
रेट कट से पहले RBI इन बातों का रखेगा ध्यान
हालांकि, मॉर्गन स्टेनली ने यह भी कहा कि दरों में ढील देने से पहले रिजर्व बैंक अमेरिकी ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, कमोडिटी बाजारों के रुझान और करेंसी में स्टेबिलिटी जैसी वैश्विक परिस्थितियों का ध्यान रखेगा. इस बीच महंगाई बढ़ने से कटौती या तो सीमित हो सकती है या इसमें देरी आ सकती है. 1 अक्टूबर को अपनी रिव्यू मीटिंग में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करते हुए 5.50 परसेंट पर बरकरार रखा. हालांकि, IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के दौरान दो MPC सदस्यों ने रूख को उदार बनाए जाने का समर्थन किया. इससे आगे आने वाले समय में रेपो रेट में कमी के संकेत मिल रहे हैं.
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Source: IOCL





















