Ghibli Art: इंटरनेट पर इन दिनों घिबली आर्ट (Ghibli Art) एनिमेटेड फोटोज का ट्रेंड चल रहा है. लोग OpenAI के ChatGPT की मदद से हर कोई अपनी तस्वीर को रीक्रिएट कर उसका घिबली एनिमेशन बना रहा है और सोशल मीडिया पर शेयर कर खूब वाहवाही बटोर रहा है. इस ट्रेंड को तो सभी फॉलो कर रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ये घिबली एनिमेशन क्या है? चलिए आप आपको इस खबर के जरिए हम इसकी जानकारी देते हैं.
जापान से है घिबिली का कनेक्शन
दरअसल, घिबिली जापान की एक बहुत बड़ी एनिमेशन स्टूडियो है. इस स्टूडियो की नींव हायाओ मियाजाकी, इसाको ताकाहाता और तोशियो सुजुकी ने 1985 में रखी थी. घिबिली स्टूडियो की बनाई कई फिल्मों को ऑस्कर तक मिल चुके हैं इनमें Spirited Away और The Boy and the Heron शामिल हैं. इसकी बनाई फिल्मों के फैन्स दुनियाभर में हैं. इसकी कई फिल्में नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध हैं. एनिमेशन की दुनिया के बादशाह माने जाने वाले मियाजाकी को व्यक्तिगत तौर पर AI-जेनरेटेड एनिमेटेड आर्ट नहीं पसंद है. वह इसकी निंदा कर चुके हैं.
अब जरा जानते हैं कि मियाजाकी का टोटल नेटवर्थ कितना है और चैटजीपीटी से उन्हें नुकसान पहुंचने की संभावना कितनी है?
इतनी है घिबिली के फाउंडर की नेटवर्थ
मियाजाकी की अनुमानित संपत्ति इस वक्त 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो उन्हें एनिमेशन आर्ट की दुनिया में सबसे दौलतमंद व्यक्तियों में से एक बनाता है. उनकी इनकम का मेन सोर्स घिबिली स्टूडियो बिजनेस है. स्टूडियो की कमाई का जरिया कई हैं जैसे कि डीवीडी या मर्चेंडाइज सेल्स, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग राइट्स वगैरह.
ChatGPT से घिबिली को कितना खतरा?
चैटजीपीटी की फोटो जनरेशन फीचर्स का असर घिबिली स्टूडियो या उनसे फाउंडर की कमाई पर कितना असर पडद्येगा यह साफ तौर पर तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन AI जेनरेटेड एनिमेशन के इस ट्रेंड ने बेशक स्टूडियो के फैंस को परेशान कर रखा है. मियाजाकी खुद इसकी आलोचना कर चुके हैं.
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