अगर आपका क्रेडिट रिकॉर्ड (Credit Record) अच्छा नहीं है तो आपके लिए लोन या क्रेडिट कार्ड लेना मुश्किल हो सकता है. वहीं, दूसरी तरफ जटिल वित्तीय मामलों पर सही जानकारी का न होना भी आपको इन मुश्किलों में डाल सकता है. भले ही CIBIL Score एक साधारण शब्द लगता हो, जिसके बारे में हम अक्सर कर्ज लेने के समय सुनते हैं. लेकिन इसके महत्व और जरूरत के बारे में लोगों को बेहद कम जानकारी है. सिबिल स्कोर कैसे काम करता है, इसके बारे में साफ तौर पर पता होना चाहिए. साथ ही नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की निगरानी करने की भी जरूरत है. अक्सर क्रेडिट ब्यूरो को दी गई जरा सी गलत जानकारी आपके स्कोर को कम कर सकती है. 


आइए समझते हैं, सिबिल स्कोर कैसे गिना जाता है 


पेमी के CEO और को-फाउंडर महेश शुक्‍ला कहते हैं कि क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) क्रेडिट रेटिंग फर्म है जिसके 2400 से ज्यादा सदस्य हैं. इनमें वित्तीय संस्थान, NBFC, बैंक और होम फाइनेंसिंग बिजनेस जैसी कई संस्थाएं शामिल हैं. यह 55 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों और कंपनियों के क्रेडिट इतिहास का मैनेज करता है. हालांकि सिबिल  ये नहीं बताता कि कोई वित्तीय संस्थान आपके लोन या क्रेडिट कार्ड को मंजूरी देगा या नहीं. दरअसल यह लोन लेने वाले व्यक्ति या संस्था के पुराने इतिहास के बारे में बताता है जिसके आधार पर फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशन लोन देने का अपना फैसला लेते हैं. लोन की प्रक्रिया में सिबिल स्कोर अहम रोल अदा करता है. ये अच्छा है तो आपको कर्ज दिए जाने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. वहीं, दूसरी तरफ CIBIL Score कम होने पर लोन मिलना मुश्किल हो जाता है. अधिकतर बैंक या फाइनेंस कंपनियां लोन देने से इंकार तक कर देते हैं. अच्छे सिबिल स्कोर से कम ब्याज पर लोन मिलने की भी संभावना रहती है. लेकिन इसके कम होने पर ब्याज दरें सामान्य से बहुत लगाई जा सकती हैं.  


खर्च करने, कर्ज चुकाने और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से जुड़ी कुछ आदतें सिबिल पर काफी असर डालती है. महेश शुक्‍ला ने कुछ उपाय बताए हैं जिसके जरिये आप अपने सिबिल स्कोर को बेहतर बना सकते हैं- 


समय पर बिल और कर्ज चुकाना: लोन लेने के बाद हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि क्रेडिट कार्ड बिल, लोन की ईएमआई और अन्य कर्ज नियत तारीख पर या उससे पहले चुका दिए जाएं. समय पर नहीं की गई पेमेंट सिबिल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. 


क्रेडिट कार्ड का लिमिट में करें इस्तेमाल: अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने के सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है, अपने क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल न करना. क्रेडिट लिमिट का सिर्फ 30 प्रतिशत खर्च सुनिश्चित करने से क्रेडिट स्कोर में सुधार करने में काफी मदद मिल सकती है. दरअसल क्रेडिट कार्ड के जरिए 30 प्रतिशत से अधिक खर्च यह दर्शाता है कि आप अपने खर्चों को बिना सोचे समझे बढ़ाते हैं. इससे आपका स्कोर कम हो जाएगा.  


कई क्रेडिट आवेदनों से बचना: कम समय के अंतराल पर कई तरह के क्रेडिट कार्ड या लोन लेने के लिए आवेदन करना आपको परेशानी में डाल सकता है. ऐसा करने से उधारकर्ता के बारे में गलत राय बन सकती है कि वह क्रेडिट के लिए काफी बेसब्र है. इससे भी आपका सिबिल स्कोर कम हो सकता है. कर्ज लेने वाले व्यक्ति को हमेशा जरूरत पर ही पर कार्ड या लोन के लिए अप्लाई करना चाहिए.  


क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहें: अपने सिबिल स्कोर या रिपोर्ट की जांच करने से आप अपने दस्तावेज़ों में किसी गलती या किसी अन्य समस्या के कारण होने वाली किसी भी प्रकार की खराब रेटिंग से बच जाएंगे. क्योंकि कई बार आपके रिकॉर्ड को अपडेट करते समय कुछ गलतियां हो जाती हैं. अगर ऐसी कोई गलती है तो आप उन्हें क्रेडिट ब्यूरो को रिपोर्ट कर तुरंत ठीक करवा सकते है. 


कई तरह का कर्ज: क्रेडिट कार्ड, लोन और मॉर्गेज लोन जैसे कई तरह के कर्ज लेते हुए सावधानी पूर्वक इनके बीच चयन करें. इससे सिबिल स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि ज्यादा कर्ज लेने से बचना चाहिए. 


पुराने क्रेडिट खातों को बंद नहीं करना: आपका क्रेडिट इतिहास कितना पुराना है ये काफी मायने रखता है. इसलिए आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि पुराने क्रेडिट कार्ड खातों को बंद न करें, भले ही वे इस्तेमाल में न हों. ये आपके एक लंबे क्रेडिट इतिहास को दिखाते हैं. 


गारंटर बनते समय सावधान रहें: किसी के लोन का गारंटर या सह-हस्ताक्षरकर्ता (को-साइनर) बनने के लिए सहमत होने से पहले हमेशा सावधान रहें. समय पर भुगतान के लिए समान रूप से गारंटर जिम्मेदार होता है और लोन पर कोई भी डिफ़ॉल्ट आपके सिबिल स्कोर को प्रभावित कर सकता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि आप ये रिस्क सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए लें, जिन पर आप अच्छे से भरोसा करते हैं.  


क्रेडिट से जुड़ी जानकारी के लिए बार-बार इन्क्वायरी न करें: क्रेडिट को लेकर ज्यादा पूछताछ वित्तीय अस्थिरता का संकेत दे सकती है. ऐसा करने से बचना चाहिए. जरूरत पड़ने पर ही इन्क्वारी करें. 


स्थाई नौकरी और आपका घर: कर्ज देने वाली कंपनियां रोजगार और निवास में स्थिरता को सकारात्मक कारक मानते हैं. इसलिए उधार लेने वालों को अपनी साख में सुधार के लिए इन क्षेत्रों में निरंतरता बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए. 


धैर्य रखें: एक अच्छा क्रेडिट इतिहास बनाने में समय लगता है! समय के साथ अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा करते रहें. सिबिल स्कोर धीरे-धीरे बेहतर होगा. 


शुक्‍ला कहते हैं कि लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले, उधार लेने वालों को यह याद रखना चाहिए कि उनका सिबिल स्कोर उनके वित्तीय हालत का सिर्फ एक पहलू है. अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए फाइनेंस को सोच-समझकर मैनेज करें. इसके लिए बचत करना, निवेश करना और प्रभावी ढंग से बजट बनाना भी जरूरी है. 


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