India's Fuel Demand Slips: सितंबर में देश में ईंधन की मांग नवंबर 2021 के बाद सबसे कम रही. सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. अगस्‍त के मुकाबले सितंबर में ईंधन की कुल मासिक मांग में 3.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, सितंबर 2021 की तुलना में  ईंधन की मांग 8.1 प्रतिशत अधिक रही. शिकागो स्थित प्राइस फ्यूचर्स ग्रुप के एनालिस्‍ट फिल फ्लिन ने कहा कि जब हम भारत में ईंधन की मांग घटने की बात करते हैं तो इसकी एक वजह रिफाइनरीज की सिजनल मेंटिनेंस भी है. फ्यूल डिमांड घटना अर्थव्‍यवस्‍था में नरमी की ओर इशारा नहीं कर रहा है. सर्दियों के मौसम के शुरू होने के साथ ही हमें उम्‍मीद है कि भारत में फ्यूल की मांग में जल्‍द ही तेजी आएगी. 


तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्‍लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में कुल 17.18 मिलियन टन ईंधन की खपत हुई जो एक साल पहले की समान अवधि कके 15.89 मिलियन टन के मुकाबले अधिक है. डीजल-पेट्रोल की की बिक्री सालाना आधार पर 13.4 प्रतिशत बढ़कर 6.26 मिलियन टन रही लेकिन मसिक आधार पर 1.4 प्रतिशत की गिरावट में इसमें देखी गई. 


बिटुमेन, जिसका इस्‍तेमाल सड़क इस्‍तेमाल में किया जाता है, की मांग सितंबर में 16 प्रतिशत अधिक रही. रसोई गैस यानी (LPG) की मांग 3.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2.45 मिलियन टन रही. वहीं, नैफ्था ऑयल की बिक्री 6.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.08 मिलियन टन रही. देश की रिफइनरी कंपनियां योजना बना रही हैं कि ज्‍यादा से ज्‍यादा क्रूड ऑयल आपूर्ति के आवधिक सौदे तय कर ले ताकि पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर और सख्‍त प्रतिबंधों के लगाए जाने से भविष्‍य की आपूर्ति में बाधा आ सकती है.  


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