FPI Investment: भारतीय बाजारों पर विदेशी निवेशकों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है. भारत के बाजारों में इस साल के पहले कुछ महीनों तक विदेशी निवेशक शुद्ध रूप से बिकवाल बने रहे पर अब इवका रुझान खरीदारी की ओर लौटता दिख रहा है. इसका असर दिसंबर के एफपीआई खरीद के आंकड़ों में भी नजर आ रहा है. 


कैसा रहा 23 दिसंबर तक एफपीआई निवेशकों का खरीदारी का आंकड़ा


चीन सहित कुछ अन्य देशों में कोविड संक्रमण फिर से फैलने और शेयर बाजार में गिरावट के बावजूद विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में अब तक भारतीय इक्विटी में शुद्ध रूप से 11,557 करोड़ रुपये का निवेश किया है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 1-23 दिसंबर के दौरान इक्विटी में 11,557 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया. 


एफपीआई निवेश के सितंबर, अक्टूबर, नवंबर के आंकड़ें जानें


इससे पहले एफपीआई ने नवंबर में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध निवेश किया था. अमेरिकी डॉलर इंडेक्स के कमजोर होने और सकारात्मक आर्थिक रुझानों के कारण आईपीआई का भारतीय बाजारों के प्रति रुझान बढ़ा. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये निकाले थे.


क्या कहना है बाजार के जानकारों का


जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आने वाले समय में अमेरिका के व्यापक आर्थिक आंकड़े और कोविड संक्रमण की स्थिति से बाजार की चाल निर्धारित होगी.


मॉर्निंग स्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक - शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि बाजारों में गिरावट और कोविड संक्रमण को लेकर आशंकाओं के बावजूद एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों में (दिसंबर में) शुद्ध खरीदार बने रहे. उन्होंने आगे कहा कि 23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में शुद्ध प्रवाह की मात्रा कम हुई, जो दर्शाता है कि हाल के घटनाक्रमों और अनिश्चितताओं को देखते हुए विदेशी निवेशक धीरे-धीरे सतर्क हो रहे हैं.


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