FPI Investment Data: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 8,767 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे. फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे से संकेत मिलता है कि अमेरिकी वित्तीय प्रणाली की स्थिरता में भरोसा करते हुए आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि की जा सकती है.


डिपॉजिटरी के आंकड़ों से मिली जानकारी


डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने तीन से 13 अप्रैल के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 8,767 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले मार्च में एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 7936 करोड़ रुपये डाले थे. इस राशि में ज्यादातर हिस्सा अडाणी समूह की कंपनियों में अमेरिका के जीक्यूजी पार्टनर्स से आया था. यदि अडाणी समूह की कंपनियों में आए निवेश को निकाल दिया जाए, तो पिछले महीने में शुद्ध प्रवाह नकारात्मक बैठेगा.


FPI ने 2022-23 में भारतीय शेयर बाजारों से 37,631 करोड़ रुपये निकाले


एफपीआई ने इससे पहले 2022-23 में भारतीय शेयर बाजारों से 37,631 करोड़ रुपये निकाले थे. वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक तरीके से दरें बढ़ाने के बीच एफपीआई बिकवाल रहे थे. 2021-22 में एफपीआई ने भारतीय बाजार से 1.4 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड निकासी की थी. वहीं 2020-21 में एफपीआई ने शेयरों में 2.7 लाख करोड़ रुपये और 2019-20 में 6,152 करोड़ रुपये डाले थे. अप्रैल में अब तक एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से 1,085 करोड़ रुपये निकाले हैं.


क्या कहते हैं वित्तीय जानकार


कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्त मौद्रिक नीति को देखते हुए आगे चलकर एफपीआई प्रवाह में उतार-चढ़ाव जारी रहने के आसार हैं.  जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अप्रैल में अभी तक उभरते बाजारों में एफपीआई के लिए भारत सबसे आकर्षक गंतव्य रहा है. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट को लेकर चिंता कम होने के बीच वैश्विक परिदृश्य स्थिर हुआ है. इस वजह से भारत में एफपीआई का प्रवाह बढ़ा है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत में शेयरों का मूल्य अब उचित स्तर पर आ गया है, जिसकी वजह से एफपीआई यहां पैसा लगा रहे हैं.


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