Food Inflation: चावल की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार (Government of India) ने एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने एक आदेश जारी किया है. इस फैसले के बाद अब सरकार गेहूं और दाल की कीमत को कंट्रोल करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है. 


सरकार उठा सकती है यह कदम


मनीकंट्रोल पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक सरकार गेहूं और दाल कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कई तरह के फैसले ले सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में दाल और गेहूं के दाम में बढ़त हुई है. ऐसे में इन महत्वपूर्ण चीजों की कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार कुछ नीतिगत उपायों पर गौर कर सकती है. इसमें दालों-गेहूं के कुछ किस्मों के निर्यात पर बैन लगाना, डिमांड सप्लाई को देखना और आयात और सीमा शुल्क में बदलाव जैसे कदम शामिल हैं. सरकार दाम की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पहले ही कई कदम उठा चुकी है. 


गौरतलब है कि सरकार ने गेहूं के निर्यात पर मई, 2022 से बैन लगा रखा है. वहीं दाल की की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए उड़द और तुअर की दाम पर सरकार सीमा शुल्क को वित्त वर्ष 2023-24 में 10 फीसदी के बजाय 0 फीसदी रख सकती है.


सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगाया बैन


इससे पहले 20 जुलाई को चावल पर सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इसके एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था. केंद्र सरकार ने यह फैसला देरी से आए मानसून के कारण धान फसल को हुए नुकसान के बाद लिया है. एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि इस साल धान की फसल में गिरावट दर्ज की जा सकती है. ऐसे में भारतीय बाजार में चावल की भरपूर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया है.


बढ़ी खाद्य महंगाई दर


खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में दाल के रेट को कंट्रोल करने के लिए मूल्य समर्थन योजना (PPS) स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2023-24 में 40 फीसदी दाल की खरीद की सीमा को हटा दिया है. इसमें तुअर,उड़द और मूंग के दाल शामिल है. ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले एक साल में तुअर की कीमतों में 32 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. वहीं गेहूं की कीमत में पिछले एक साल में 5.79 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. पिछले साल गेहूं 27.80 रुपये किलो था जो अब बढ़कर 29.41 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया है.


ऐसे में गेहूं के निर्यात को कम करने के लिए सरकार ने गेहूं की इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़कर 40 फीसदी कर दिया था. गेहूं, चावल और दाल के अलावा देश दूध और सब्जियों की महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है. ऐसे में जून 2023 में खाद्य महंगाई दर मई के मुकाबले जून में 2.96 फीसदी से बढ़कर 4.49 फीसदी तक पहुंच गया है. 


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