FMCG Companies: देशभर में तेजी से बढ़ रही महंगाई से निपटने के लिए FMCG कंपनियों ने नया प्लान बनाया है. रोजमर्रा के इस्तेमाल के प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों ने मुद्रास्फीति की चुनौती से निपटने के लिए प्रोडक्ट का वजन घटाने का फैसला लिया है. इसके अलावा कंपनियों ने ‘ब्रिज पैक’ भी उतारे हैं. बता दें ब्रिज पैक किसी भी प्रोडक्ट की अधिकतम और सबसे कम प्राइस के बीच का प्रोडक्ट होता है. 


नहीं बढ़ाने पड़े प्रोडक्ट के दाम
आपको बता दें वजन घटाने की वजह से इन कंपनियों को पैकेटबंद उत्पादों के दाम नहीं बढ़ाने पड़े हैं. इस तरह का कदम कंपनियां मुख्य रूप से कम आय वर्ग के उपभोक्ताओं को लक्ष्य कर उठा रही हैं. इसके अलावा इन कंपनियों ने किसी उत्पाद के बड़े पैकेट के दाम में बढ़ोतरी की है. हालांकि, यह वृद्धि भी 10 प्रतिशत से कम की है.


सस्ती पैकेजिंग का कर रहे इस्तेमाल
इंडोनेशिया से पाम ऑयल के निर्यात पर रोक और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक संकट की वजह से निर्माण लागत बहुत तेजी से बढ़ी है. इन्हीं से निपटने के लिए एफएमसीजी विनिर्माता सस्ती पैकेजिंग, रिसाइकल किए उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं और विज्ञापन तथा विपणन पर खर्च में कटौती कर रहे हैं.


जानें क्या बोले अधिकारी?
जिंसों की बढ़ती कीमतें और आसमान छूती महंगाई के कारण उपभोक्ता कम खर्च करना चाह रहे हैं और बजट न गड़बड़ाये इसलिए ‘लो यूनिट प्राइज (एलयूपी)’ पैक खरीद रहे हैं. डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने कहा, ‘‘शहरी बाजारों में प्रति व्यक्ति आय और उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता अधिक होती है, इसलिए हमने बड़े पैक की कीमतें बढ़ा दी हैं. ग्रामीण बाजारों में एलयूपी पैक बिकते हैं, उनके लिए उत्पाद का वजन कम किया गया है.’’


वजन में कर रही कटौती
आगामी तिमाहियों में मुद्रास्फीति के कम होने के कोई आसार नहीं आ रहे हैं. ऐसे में कई कंपनियों ने दाम बढ़ाने के बजाय उत्पादों के वजन में कटौती की है. पार्ले प्रोडक्ट्स में वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा कि उपभोक्ता का रूझान वैल्यू पैक की ओर बढ़ गया है और एलयूपी पैक की बिक्री कुछ बढ़ गई है. एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा कि उपभोक्ता पैसा बचाने के लिए छोटे पैक खरीद रहे हैं और यह सभी एफएमसीजी श्रेणियों में हो रहा है.


यह भी पढ़ें:
Reliance-TCS समेत कई कंपनियों को हुआ भारी नुकसान, हफ्तेभर में 2.48 लाख करोड़ फिसला मार्केट कैप


Stock Market: आपका भी मार्केट में लगा है पैसा तो जान लें क्या अगले हफ्ते भी जारी रहेगी बिकवाली या मिलेगी राहत?