Monthly Economic Report: वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने फरवरी महीने के अपने मंथली इकोनॉमिक रिपोर्ट ( Monthly Economic Report) में कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था विकास की राह पर लगातार आगे बढ़ रही है. 2022-23 की तीसरी तिमाही के लिए जो जीडीपी का आंकड़ा आया है वो इस बात की तस्दीक करता है. मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ( Department Of Economic Affairs) द्वारा तैयार किए गए रिपोर्ट में कहा गया है कि होलसेल महंगाई (WPI) दर 25 महीने के निचले लेवल पर आ चुका है और जल्द ही इसका असर खुदरा महंगाई दर ( Consumer Price Index) में भी गिरावट के तौर पर नजर आएगा.
वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमोडिटी के दामों ( Commodity Prices) में गिरावट और सरकार द्वारा लिए फैसलों के चलते फरवरी 2023 में महंगाई दर में कमी देखने को मिली है. फरवरी महीने में खुदरा महंगाई दर जनवरी के 6.52 फीसदी के आंकड़ों से घटकर 6.44 फीसदी पर आ चुकी है. तो थोक मुल्य आधारित महंगाई दर फरवरी महीने में घटकर 25 महीने के निचले लेवल 3.85 फीसदी पर आ चुकी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि रोजगार से जुड़े आंकड़ों में सुधार देखा जा रहा है जिसके चलते तीसरी तिमाही में समावेषी आर्थिक विकास देखने को मिल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक मजबूत विदेशी निवेश के इंफ्लो और बेहतर मैक्रोइकोमॉनिक चक्र के चलते एफडीआई स्टैंडआउट्स वॉचलिस्ट 2023 ( FDI Standouts Watchlist 2023) में भारत दुनिया में दूसरी स्थान पर है.
वित्त मंत्रालय ने अपनी मंथली रिपोर्ट में कहा कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसके कॉरपोरेट पर बकाया कर्ज 2022-23 के तीसरी तिमाही में जीडीपी के फीसदी के मुकाबले 2008 के समान तिमाही से कम है. कॉरपोरेट कर्ज के क्वालिटी में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल रहा है. ऐतिहासिक तौर पर भारत के कॉरपोरेट्स के ऊपर कम कर्ज होने के चलते कर्ज उठाने की उनके पास अपार संभावनाएं हैं.
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