AI for Layoffs: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस बदलते दौर में छंटनी की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. हजारों की संख्या में लोग काम से निकाले जा रहे हैं. कई कंपनियां और भी ज्यादा छंटनी करने की तैयारी कर रही है. वजह चाहे जो भी हो, नौकरी जाना किसी भी इंसान के लिए किसी एक झटके से कम नहीं है. हालांकि, यह सोचने वाली बात है कि क्या सिर्फ एआई ही लोगों की नौकरी जाने के पीछे जिम्मेदार है या कुछ और भी वजहें हैं. 

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टारगेट में रहते हैं ऐसे वर्कर्स 

Instagram पर HR प्रोफेश्नल रह चुके अविक ने कहा कि छंटनी के फैसले रातोंरात नहीं लिए जाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि छंटनी का यह दौर सिर्फ एआई ऑटोमेशन के चलते शुरू नहीं हुआ है, बल्कि इसके लिए कम्प्लायंस भी जिम्मेदार है. यानी कि प्रॉसेस के हिसाब से नहीं चलने वाले कर्मचारी या ट्रेनिंग न पूरी करने वाले कर्मचारी हमेशा टारगेट में रहते हैं. इनके नौकरी जाने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है.

ओवरहायरिंग के चलते अब छंटनी

इसके पीछे ओवरहायरिंग को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. कोरोना और डिजिटलाइजेशन में अचानक आए बूम के बाद कंपनियों ने मान ही लिया था कि अब ग्रोथ बरकरार रहेगा. इस दौरान बड़ी टीमें बनाई गईं, अंधाधुंध लोग काम पर लिए गए, कई अलग-अलग रोल निकलकर सामने आए. अब जब डिमांड कम हो रही है, तो बजट में कटौती की जा रही है. यही वह समय होता है जब मैनेजमेंटको अपने कर्मचारियों की संख्या कम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ऐसे में सिर्फ एआई को विलेन नहीं बनाया जा सकता, यह सिर्फ एक जरिया है. असली गुनेहगार अनियंत्रित विस्तार है. 

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समझदार के लिए इशारा काफी

जब किसी की नौकरी जाने वाली रहती है, तो उसे कई तरह के इशारे मिलते हैं जैसे कि अचानक आपका वर्कलोड बढ़ा दिया जाता है, आपके हिस्से का काम काम या जिम्मेदारी किसी और को दे दी जाती है. आपको मीटिंग्स, प्रोजेक्ट्स या कुछ अहम चर्चाओं से बाहर रखा जाने लगता है. मैनेजर का बर्ताव अचानक से बदल जाता है. अचानक से आपके काम को लेकर खामियां निकाले जाने लगती हैं, प्रोमोशन या ग्रोथ मिलने से रोक दिया जाता है. हालांकि, जरूरी नहीं है कि अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो आपकी नौकरी खतरे में है, लेकिन वक्त रहते हुए इशारे को भांपकर सही मौके की तलाश करने में कोई बुराई नहीं है ताकि अगर छंटनी हो भी जाए, तो आप आसानी से ओवरकम कर ले. 

 

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