ECB Hikes Rates: महंगाई पर लगाम लगाने के लिए यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है. 20 देशों के इस सेंट्रल बैंक जिसकी करेंसी यूरो है उसने लगातार 10वीं बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला किया है. ईसीबी ने डिपॉजिट रेट को 3.75 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है जो कि 1999 में यूरो के अस्तित्व में आने के बाद से सबसे ज्यादा है. 


यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने अपने बयान में कहा कि मौजूदा एसेसमेंट के आधार पर गवर्निंग काउंसिल का मानना है कि यूरोपियन सेंट्रल बैंक के प्रमुख रेट्स उस लेवल पर जा पहुंचा है जिसके बाद महंगाई को टारगेट के भीतर लाने में मदद मिलेगी.


महंगाई दर 5 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने 2 फीसदी महंगाई दर का लक्ष्य रखा हुआ है. हालांकि ईसीबी के लिए 2 फीसदी तक महंगाई दर को नीचे लाना इतना आसान भी नहीं है. सख्त लेबर पॉलिसी के चलते वेतन में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है तो एनर्जी प्राइसेज में तेजी से महंगाई पर दबाव है.  


2024 में महंगाई दर के घटकर 3.2 फीसदी तक घटने का अनुमान है जबकि तीन पहले 3 फीसदी का अनुमान जताया गया था. वहीं 2024 के ग्रोथ रेट को इस वर्ष 2023 के लिए घटाकर 0.7 फीसदी और 2024 के लिए 1 फीसदी कर दिया गया है. यूरोपियन सेंट्रल बैंक के गवर्निंग काउंसिल का कहना है मध्यम अवधि में महंगाई को 2 फीसदी लाने के लिए वो कटिबद्ध है. हालांकि ईसीबी ने संकेत दिया है कि यहां से वो ब्याज दरों में और बढ़ोतरी नहीं करेगी. 


19 और 20 सितंबर को अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व की बैठक होने वाली है. जिसमें ब्याज दरों को लेकर फैसला लिए जाने की उम्मीद है. अगस्त महीने में अमेरिका में महंगाई दर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. ऐसे में दुनियाभर के फाइनेंशियल मार्केट की निगाह इस बात पर होगी कि फेड रिजर्व क्या फैसला करती है. 


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