लगभग चार साल के बाद पहली बार निवेशक इक्विटी म्यूचुअल फंड से दूरी बनाते दिख रहे हैं. जुलाई महीने में म्यूचुअल फंड निवेशकों ने 2480 करोड़ रुपये निकाल लिए.लेकिन राहत की बात है कि छोटे निवेशकों ने अभी सिप का दामन नहीं छोड़ा है. छोटे निवेशक सिप के जरिये इक्विटी फंडों में लगातार निवेश कर रहे हैं. अगर सिप निवेशकों ने किनारा किया होता तो म्यूचुअल फंडों को और ज्यादा बड़ी रकम गंवानी पड़ती.

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इक्विटी फंडों को सिप निवेशकों का समर्थन जारी 

जून,2020 में सिप निवेशकों ने 7,927 करोड़ का निवेश किया जो जुलाई में थोड़ा घट कर 7,831 रुपये हो गया. जुलाई में चार लाख एसआईपी फोलियो जुड़े हैं. इससे पता चल रहा है कि सिप निवेशक लगातार म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम जुड़ रहे हैं. जुलाई 2020 तक म्यूचु्अल फंड निवेशकों ने इक्विटी फंड्स में 7.3 लाख करोड़ का निवेश किया है. दिसंबर 2016 में यह राशि 4.2 लाख करोड़ थी. 2016 से रियल एस्टेट और गोल्ड से निवेशकों ने अपना फोकस हटा कर म्यूचुअल फंड में किया है. सरकार की नोटबंदी स्कीम ने भी म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ाने में मदद की. हालांकि जनवरी 2018 में मिड और स्मॉल स्कीमों के धराशायी होने के बाद निवेशकों ने म्यूचुअल फंड्स से किनारा करना शुरू कर दिया था.

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म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न घटे 

एक स्टडी ने बताया था कि लार्ज, मिड कैप, मल्टी कैप और स्मॉल कैप स्कीम में तीन से पांच साल की अवधि में म्यूचुअल फंड्स रिटर्न पांच फीसदी से भी कम रहे हैं. निवेशकों ने अब अपना पैसा यहां से निकाल कर गोल्ड और इंटरनेशल फंडों में लगाना शुरू किया है. पिछले सप्ताह  इंटरनेशनल फंडों में 400 करोड़ रुपये का फंड आया है वहीं गोल्ड स्कीमों में 192 करोड़ का निवेश हुआ है. पिछले सप्ताह गोल्ड की कीमतों ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रिकार्ड ऊंचाई छू ली. इस बीच कॉरपोरेट बॉन्ड फंड में भी निवेश बढ़ा है.  इसमें 11,910 करोड़ रुपये का फंड आया है.

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