हर नौकरीपेशा व्यक्ति अपने हर महीने की कमाई का एक हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि यानी पीएफ में जमा करता है. यह पैसा कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उसे दे दिया जाता है. इसके अलावा किसी आपात स्थिति जैसे कर्मचारी के बीमार होने की स्थिति में, बच्चों की पढ़ाई, शादी के खर्चे, घर खरीदने आदि के लिए भी कर्मचारी पीएफ अकाउंट से पैसे निकाल सकता है. यह किसी भी व्यक्ति की भविष्य की जमा पूंजी होती है.

पीएफ खाता साइबर अपराध के जरिए हो रहा है खालीपिछले कुछ सालों में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ साइबर फ्रॉड की घटनाएं भी बहुत तेजी से बढ़ रही है. आजकल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने खाताधारकों को आगाह करते हुए बताया है कि कई ग्राहकों को साइबर ठगी करने वाले लोगों ने फर्जी मैसेज भेजकर लूटा है. इस मामले पर आगाह करते हुए EPFO ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए कहा है, 'EPFO कभी भी अपने सदस्यों से व्यक्तिगत विवरण जैसे आधार, पैन, यूएएन, बैंक खाता या ओटीपी फोन या सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए नहीं कहता है.'

इसके साथ ही कर्मचारी निधि ने यह भी बताया है कि ईपीएफओ कभी भी किसी खाताधारक से व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के माध्यम से न ही बैंक डिटेल्स मांगता है न ही UAN नंबर या पासवर्ड की जानकारी लेता है. ऐसे में इस तरह की जानकारी मांगने वाले सभी कॉल फर्जी और भ्रामक होते हैं. इस तरह के कॉल पर मांगी किसी तरह की जानकारी न शेयर करें.

ठगी से बचने के उपाय-अगर आपके पास कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नाम से कॉल आता है तो इस तरह के कॉल पर मांगी गई जानकारी कभी न दें.-अगर आपने आधार कार्ड नंबर, पैन कार्ड नंबर, UAN नंबर, पासवर्ड आदि की जानकारी किसी के साथ न शेयर करें.-किसी के साथ अपने क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग की जानकारी शेयर करने से बचें.-सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक पर अपनी निजी जानकारी न शेयर करें.

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