Indian Stock Market: भारतीय शेयर मार्केट ने पिछले कुछ सालों में कमाल की रफ्तार पकड़ी हुई है. बीएसई का सेंसेक्स (Sensex) फिलहाल 75 हजार और एनएसई का निफ्टी (Nifty) 22800 अंकों के पास बना हुआ है. अब ब्रोकरेज फर्म एमके इनवेस्टमेंट मैनेजर्स ने अनुमान जताया है कि निफ्टी इसी साल 24,500 प्वॉइंट और अगले साल के अंत तक 26,500 प्वॉइंट का आंकड़ा पार कर सकता है. निफ्टी की आय में 15 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जा सकती है. 

ब्रोकरेज फर्म एमके इनवेस्टमेंट मैनेजर्स ने लगाया अनुमान 

एमके इनवेस्टमेंट मैनेजर्स (Emkay Investment Managers) के अनुसार, दिसंबर 2025 के अंत तक निफ्टी 26,500 अंकों का आंकड़ा पार कर सकता है. इस साल दिसंबर तक यह लगातार आगे जाता रहेगा और 24,500 प्वॉइंट तक पहुंच सकता है. ब्रोकरेज फर्म ने मंगलवार को कहा कि फिलहाल मार्केट का फोकस पूरी तरह से लोकसभा चुनाव के नतीजों पर है. ऐसा माना जा रहा है कि एनडीए गठबंधन की सरकार 330 सीटों के साथ फिर से सत्ता में वापस आने वाली है. इसके चलते देश में बड़े सुधार जारी रहेंगे. अगले साल जिओपॉलिटिकल डेवलपमेंट और ब्रिटेन एवं अमेरिका में होने जा रहे चुनाव पर भी शेयर मार्केट की नजर बनी रहेगी.

लार्ज कैप और मिड कैप स्टॉक को मिलाकर निवेश करें 

ब्रोकरेज फर्म ने सलाह दी है कि इनवेस्टर मल्टी कैप रणनीति के साथ आगे बढ़ें. उन्हें लार्ज कैप और मिड कैप स्टॉक को मिलाकर भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहिए. ऐसा करके उन्हें लॉन्ग टर्म में अच्छा फायदा मिल सकता है. एमके इनवेस्टमेंट मैनेजर्स चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर मनीष सोंथालिया ने बताया कि बीएफएसआई (BFSI), सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां (PSU) और इंडस्ट्रियल सेक्टर में अच्छा प्रदर्शन जारी रह सकता है. अगले 3 से 5 सालों में पूंजीगत व्यय में इजाफे के चलते शेयर मार्केट में भी सुधार जारी रहेगा.

इन सेक्टर्स पर नजर बनाकर रखें इनवेस्टर्स

उन्होंने कहा कि कोविड 19 के बाद खराब हालत में गए फार्मा सेक्टर में भी अगले कुछ महीनों में सुधार आ सकता है. देश में बढ़ती प्रति व्यक्ति आय की वजह से खाद्य वस्तुओं की खपत लगातार बढ़ती रहेगी. इसके अलावा देश में मैन्युफैक्चरिंग का माहौल भी मजबूत होगा. इसके अलावा सोलर और विंड एनर्जी में बढ़ते खर्च के चलते पावर सेक्टर की कंपनियों का प्रदर्शन मजबूत होगा. डिजिटल सेक्टर और एआई में तेजी आएगी. ऐसे में निवेशकों को इन सभी सेक्टर पर ध्यान देना होगा.

ये भी पढ़ें 

क्या बला है यह Silent Layoffs, जिसमें समा गईं 20000 लोगों की नौकरियां