Starlink in India: टेस्ला के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की भारत में एंट्री जल्द होने वाले है. हालांकि, यह एंट्री टेस्ला के जरिए न होकर सेटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक (Starlink) के जरिए होगी. ऐसा माना जा रहा है कि स्टारलिंक को नियामकीय मंजूरी जल्द मिलने वाली है. इसके लिए जांच आखिरी स्टेज में हैं. लाइसेंस मिलते ही कंपनी भारत में काम शुरू कर देगी. स्टारलिंक के आने से दूरदराज के क्षेत्रों एवं ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी की स्थिति में सुधार आ सकता है.


शेयरहोल्डिंग पैटर्न की जानकारी देने वाली है कंपनी 


मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क की स्टारलिंक प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड डिपार्टमेंट के समक्ष अपने शेयरहोल्डिंग पैटर्न की जानकारी देने वाली है. इसके बाद उसे दूरसंचार विभाग (DoT) से एक ऑपरेटिंग सर्टिफिकेट मिल जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद दूरसंचार विभाग की ओर से एक लेटर दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) को भेजा जाएगा. मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद स्टारलिंक को सैटेलाइट कम्युनिकेशंस विंग की तरफ से एक अप्रूवल लेटर जारी हो जाएगा.


वनवेब और रिलायंस जियो को पहले ही मिल चुका है लाइसेंस 


स्टारलिंक ने 2022 में अपने ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विसेज (GMPCS) लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. मंजूरी मिलने के बाद यह वनवेब (OneWeb) और रिलायंस जियो (Reliance Jio) के बाद यह लाइसेंस पाने वाली तीसरी कंपनी बन जाएगी.


क्या होगी स्टारलिंक की स्पीड


ग्लोबल रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टारलिंक 25 से 220 एमबीपीएस तक की डाउनलोड स्पीड कस्टमर्स को देती है. कंपनी की तरफ से दावा किया जाता है कि उनकी अपलोड स्पीड 5 से 20 एमबीपीएस के आसपास होती है. स्टारलिंक वेबसाइट का दावा है कि ज्यादातर कस्टमर 100 एमबीपीएस से अधिक की डाउनलोड स्पीड का लाभ ले रहे हैं. भारत के दूरदराज के इलाकों में टावरों के ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से ऐसी स्पीड मिलना फिलहाल मुश्किल होता है. उम्मीद जताई गई है कि चूंकि स्टारलिंक सेटलाइट के जरिए इंटरनेट उपलब्ध कराती है इसलिए 5जी के बजाय 4जी की स्पीड दे पाएगी.


इतनी हो सकती है सेवा के कीमत 


स्टारलिंक ने फिलहाल भारत के लिए रेट तय नहीं किए हैं. मगर, रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के पूर्व इंडिया हेड के अनुसार, पहले साल इसकी लागत लगभग 1.58 लाख रुपये और दूसरे साल 1.15 लाख रुपये हो सकती है. इस पर 30 फीसदी टैक्स भी देना पड़ेगा. इसमें उपकरण की कीमत 37400 रुपये और हर महीने 7425 रुपये लिए जा सकते हैं.


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