Elon Musk on Environment: दुनिया के सबसे अमीर आदमी एवं टेस्ला जैसी इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी के मालिक एलन मस्क हमेशा अपने अनोखे बयानों और कामों के लिए जाने जाते हैं. इस बार उन्होंने कहा है कि हमें पेट्रोल-डीजल को खलनायक बनाने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि हमें पर्यावरण को बचाने के लिए कार्बन उत्सर्जन में कटौती करनी चाहिए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के भविष्य को भी उज्ज्वल बताया है. मस्क ने कहा कि X पर विज्ञापन बढ़ रहे हैं.


इलेक्ट्रिक कार क्रांति लाई टेस्ला 


सारी दुनिया टेस्ला को एक क्रांति की तरह देखती है. इस कंपनी ने इलेक्ट्रिक कार के क्षेत्र में क्रांति ला दी थी. इसके बाद सारी दुनिया के ऑटो मेकर तेजी से इलेक्ट्रिक कार लांच करने लगे. इलेक्ट्रिक कारों को पेट्रोल-डीजल कारों के विकल्प के तौर पर देखा जाता है. अब इन कारों को हर देश में स्वीकारा जा रहा है. हालांकि, एलन मस्क ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के कार्यक्रम में कहा कि पेट्रोल-डीजल पर सारा दोष मढ़ना ठीक नहीं है.


लोगों का उठ रहा भविष्य से भरोसा


बैठक के दौरान एलन मस्क ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चेतावनी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है. पर्यावरण मूवमेंट को ऐसे बताया जाता है कि लोगों का भविष्य पर से भरोसा उठता जा रहा है. इस महीने सीओपी28 पर्यावरण सम्मलेन में लगभग 200 देशों ने हिस्सा लिया. इनमें कच्चे तेल के प्रयोग को घटाने पर सहमति बनी. इससे संकेत मिल रहा है कि अब ऑयल युग का अंत नजदीक आ रहा है.


मस्क बोले- मैं पर्यावरणवादी हूं 


मस्क ने कहा कि वह खुद को पर्यावरणवादी मानते हैं. यह बेहद जरूरी है कि उद्योग जमीन से अरबों टन कार्बन निकालकर वातावरण में फैलाना बंद करें. तेल की खपत को कम करके ऐसा आसानी से किया जा सकता है. मगर, हमें सारा दोष पेट्रोल-डीजल पर नहीं डालना चाहिए. प्रदूषण के लिए सिर्फ यही जिम्मेदार नहीं है.


इटली में घटती जन्म दर को लेकर चिंतित


टेस्ला के मालिक मस्क ने कहा कि उनकी कंपनी इटली में घटती जन्म दर को लेकर चिंतित है. इटली में निवेश की अच्छी संभावनाएं हैं, लेकिन काम करने वाले ही नहीं रहे तो इस देश के लिए कौन काम करेगा. इटली की सरकार को बच्चे पैदा करने पर प्रोत्साहन देना चाहिए. यह देश सिर्फ अप्रवासियों के सहारे नहीं चल सकता. इटली ने इस संकट से निपटने के लिए 1 बिलियन यूरो का बजट दिया है. पिछले 14 साल से देश में जन्म दर लगातार घट रही है.


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