Online Fraud: आजकल स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं. इन्हीं में से एक है डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड. इसमें व्यक्ति को ऑनलाइन गिरफ्तारी कर लिए जाने की धमकी दी जाती है और इस तरह से उनसे पैसे ऐंठे जाते हैं. 84 साल के एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी और उनकी पत्नी के साथ भी हाल ही में कुछ ऐसा हुआ. हालांकि, वक्त रहते सही कदम उठाकर दोनों 1.50 करोड़ रुपये गंवाने से बच गए. मामला अहमदाबाद का है. 

Continues below advertisement

कॉल कर पहले धमकाया गया

यहां रहने वाले इस बुजुर्ग दंपत्ति को WhatsApp पर कॉल आया, जिसमें स्कैमर ने खुद को कोर्ट लाइजनिंग ऑफिसर बताया. उसने बताया कि उसका नाम प्रदीप कुमार है. बुजुर्ग को अपने झांसे में लेने के लिए स्कैमर ने बताया कि उन्हें उनके ही एक रिश्तेदार से प्राइवेट एयरलाइन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका नाम आने की खबर मिली है इसलिए उन्हें ऑनलाइन कोर्ट में पेश होना होगा. कॉलर ने पति और पत्नी दोनों को घर से बाहर न निकलने या किसी को अंदर न आने देने का भी निर्देश दिया. 

वीडियो कॉल भी आया

बुजुर्ग दंपत्ति को कहीं से भी कोई शक न हो इसकी भी पूरी कोशिश की गई. उन्हें स्कैमर्स की तरफ से वीडियो कॉल भी आया, जिसमें कोर्ट जैसा बैकग्राउंड दिखाया गया, जहां सुनवाई होती दिखाई दे रही थी. स्क्रीन पर एक आदमी जज बनकर बैठा था. इसके अलावा, एक प्रॉसिक्यूटर और स्टाफ भी नजर आए. जिसने जज होने का नाटक किया, उसने कपल के नाम 227 अकाउंट्स खोले जाने का दावा किया और उनसे इस बारे में पूछताछ करने लगा. दंपत्ति ने इससे इंकार किया, तो उन्हें चेतावनी दी गई कि सहयोग न करने पर परेशानी होगी. 

Continues below advertisement

डिजिटल अरेस्ट की बात से सहमे बुजुर्ग

फिर कॉल करने वालों ने उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' किए जाने की बात कही. इस दौरान बुजुर्ग को फोन के सामने बैठे रहने के लिए कहा गया, जबकि महिला को पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. इस काम में दंपत्ति के एक रिश्तेदार ने भी स्कैमर्स की मदद की, जिसने दंपत्ति को समझाया, "कॉल करने वालों ने उन्हें बताया है कि उनके पास अभी जितने भी पैसे हैं उन्हें वेरिफाई करना होगा और उसके बाद ही उन्हें आरोपों से बरी किया जाएगा क्योंकि वे ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करते थे इसलिए उन्हें RTGS ट्रांसफर के लिए बैंक जाने के लिए कहा गया."

सच्चाई का ऐसे हुआ खुलासा 

9 दिसंबर को महिला बैंक जाकर स्कैमर्स के अकाउंट में 21 लाख रुपये ट्रांसफर किए. उन्हें लगा था कि पैसे वेरिफाई होने के बाद उनके अकाउंट में वापस भेज दिया जाएगा. दूसरे दिन उन्होंने 21 लाख रुपये और ट्रांसफर किए. उनके एक दूसरे अकाउंट में 1.5 करोड़ रुपये भी थे. ये पैसे उन्हें एक प्रॉपर्टी बेचने के बाद मिले थे. स्कैमर्स ने ये पैसे भी मांगे और कहा कि अगर पैसे ट्रांसफर नहीं किए, तो उन पर केस होगा और भारी जुर्माना लगेगा. डरकर, वह पूरी रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक गई. 

मैनेजर को यह सबकुछ अजीब सा लगा और उन्होंने इसकी जांच के लिए बैंक में मौजूद एक पुलिस अधिकारी के पास गया. इसके बाद पुलिस महिला के साथ उनके घर गई, जहां उन्होंने महिला के बुजुर्ग पति को वीडियो कॉल पर कई आदमियों से बात करते हुए देखा. जब उन्होंने कॉल पर मौजूद लोगों को बताया कि वह पुलिस से हैं, तो उन लोगों ने झट से अपना कॉल काट दिया. फिर उन्होंने दंपत्ति को बताया कि उनके साथ धोखा हुआ है और उन्हें साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर जाने की सलाह दी. दंपति ने नेशनल साइबरक्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में अभी FIR दर्ज होना बाकी है.

 

ये भी पढ़ें:

कच्छ की बंजर जमीन पर बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट, चांद से भी मिलेगी इसकी झलक