Tomato Price Impact: आप भी टमाटर की बढ़ती कीमतों से हैं परेशान? इस कंपनी ने जानिए अपने ग्राहकों से की क्या अपील?
Tomato Price Impact: देश में टमाटर के दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. आलम ये है कि इस कंपनी को बढ़ते दामों के चलते अपने ग्राहकों से अपील करनी पड़ी. जानिए क्या कहा कंपनी ने?
Tomato Price Impact: आजकल टमाटर के भाव चर्चा का विषय बने हुए हैं. टीवी से लेकर आम लोगों के बीच इसकी बढ़ी कीमतों को लेकर बात हो रही है. दरअसल देश में टमाटर की कीमतों के आसमान छूने के पीछे दक्षिण भारत में बेतहाशा दाम बढ़ना है. कुछ दक्षिणी राज्यों में टमाटरो की कीमत 120 रुपये प्रति किलोग्राम और अधिकांश भारतीय शहरों में 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. इस समय विपक्षी दल हों या आम लोग, सभी बढ़ती कीमतों पर अपनी शिकायतें व्यक्त कर रहे हैं.
महंगे टमाटर से Zomato परेशान
वहीं इस स्थिति से प्रभावित होने वालों में फूड सप्लायर कंपनी Zomato भी शामिल है, जो स्पष्ट रूप से कीमतों में वृद्धि के कारण अपने व्यवसाय में दिक्कतों का सामना कर रही है. जोमेटो की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि टमाटर की कीमत आजकल Cryptocurrency से भी ज्यादा अस्थिर हो चुकी है.
Zomato ने अपने ट्विटर पोस्ट में टमाटर की कीमतों से होने वाली परेशानियों का जिक्र किया है. कंपनी ने ट्विटर पर उपयोगकर्ताओं से अपील की कि वे टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते Zomato का साथ दें. ट्वीट कर लिखा गया कि दोस्तों यह है टमाटर, जिसकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और अब ये क्रिप्टोकरेंसी से भी ज्यादा अस्थिर हो चुकी है. इसलिए कृपया हमारे लिए 1-स्टार रिवयू न लिखें.
दामों की बढ़ती रफ्तार
Zomato के इस ट्वीट से साफ है कि वो भी स्पष्ट रूप से टमाटर की कीमतों में वृद्धि से दिक्कतों का सामना कर रही है. आलम ये है कि देश के ज्यादातर शहरों में टमाटर के लिए लोग 70 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक का भुगतान कर रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर, दक्षिण भारतीय राज्यों में खास तौर पर चेन्नई टमाटर का रिटेल प्राइस 100 रुपये प्रति किलोग्राम, पुडुचेरी में 90 रुपये प्रति किलोग्राम, बेंगलुरु में 88 रुपये प्रति किलोग्राम और हैदराबाद में 65 रुपये प्रति किलोग्राम था.
सरकारी आंकड़ों में दिल्ली में टमाटर 72 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा गया, जबकि तमिलनाडु इसके लिए 119 रुपये किलो तक का पेमेंट कर रहा है. रिपोर्टों से पता चलता है कि दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों में नवंबर के पहले सप्ताह से पूर्वोत्तर मानसून के दौरान मध्यम से भारी बारिश हुई है, जो बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाले क्षेत्रों के लगातार बनने या अरब सागर में चक्रवाती परिसंचरण के कारण है.
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