Economic Survey 2024-25: संसद के बजट सत्र की आज से शुरुआत हो रही है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश करेंगी. ये इकोनॉमिक सर्वे एक फरवरी 2025 को पेश होने वाला बजट के लिए खाका तैयार करने के साथ उसे रास्ता दिखाने का काम करेगा.
कब पेश होगा इकोनॉमिक सर्वे
राष्ट्रपति के अभिभाषण के खत्म होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही वित्त मंत्री सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 लोकसभा में दोपहर करीब 1 बजे और राज्यसभा में 2 बजे पेश कर सकती हैं. दोपहर 02.30 बजे नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी जिसे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन आर्थिक सर्वे तैयार करने वाली अपनी टीम के साथ संबोधित करेंगे.
अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा बताएगा सर्वे
बजट पेश करने से पहले संसद में सरकार आर्थिक समीक्षा पेश करती है. इसमें मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की दशा और आने वाले दिनों में उसकी दिशा कैसी रहेगी उसे बताया जाता है. आर्थिक समीक्षा में बताया जाता है कि पिछले बजट में सरकार ने जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें किस हद तक हासिल किया जा सका है. एक तरह से आर्थिक समीक्षा सरकार के पिछले एक वित्त वर्ष के प्रदर्शन की समीक्षा होती है. इसे आर्थिक मामलों के विभाग के द्वारा तैयार किया जाता है. इस बार आर्थिक समीक्षा को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के ऑफिस के द्वारा तैयार किया गया है. बजट की बुनियाद रखती है आर्थिक सर्वे
आर्थिक समीक्षा देश की आर्थिक नीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज है. इसका महत्व बजट से अगर ज्यादा नहीं है तो उसे कम भी नहीं आंका जा सकता है. बजट में आने वाले दिनों में सरकार की योजनाओं का खाका तैयार किया जाता है, वहीं आर्थिक समीक्षा में मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार के कामों का लेखा-जोखा रहता है.
आर्थिक सर्वे में दी जाएंगी ये जानकारियां
आर्थिक समीक्षा में मुख्य आर्थिक सलाहकार के द्वारा विस्तार से बताया जाता है कि सरकार ने पिछले बजट में जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें किस हद तक हासिल किया जा सका है. इसी तरह पिछले साल के बजट में बनाई गई योजनाओं को जमीन पर कितना उतारा जा सका है, इसके बारे में भी आर्थिक समीक्षा विस्तार से जानकारी देती है. उनके अलावा समीक्षा में कई अन्य अहम आर्थिक मुद्दों का विवरण भी होता है, जैसे जीडीपी ग्रोथ रेट, महंगाई दर के साथ अलग-अलग सेक्टर्स का प्रदर्शन और रोजगार के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है.
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