यह साल अब तक आर्थिक लहिाज से दुनिया के लिए ठीक साबित नहीं हुआ है. ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था महामारी के असर से उबरने का प्रयास कर रही थी, महंगाई और युद्ध के झटकों ने उसे मंदी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया. यूरोप व दुनिया की कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं मंदी की चपेट में आ भी चुकी हैं. हालांकि अच्छी बात है कि भारत मंदी से सुरक्षित रहने वाला है. विश्व बैंक के मुखिया ने अब इसकी ठोस वजह बताई है.


विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने मंदी को लेकर बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को घरेलू खपत से काफी मदद मिल रही है. भारत की जीडीपी का बड़ा हिस्सा घरेलू मांग पर आधारित है. यह घरेलू मांग ही भारत को वैश्विक मंदी और सुस्ती के असर से बचा रही है.


दुनिया को मात दे रहा भारत


आपको बता दें कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी आधिकारिक तौर पर मंदी की चपेट में जा चुकी है. ब्रिटेन और फ्रांस भी मंदी से बहुत दूर नहीं हैं. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका से कुछ अच्छे संकेत मिल रहे हैं, लेकिन मंदी का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन भी इस बार लड़खड़ा रहा है. वहीं भारत लगातार दुनिया की सबसे तेज गति से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है.


वित्त मंत्री से हुई मुलाकात


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, बंगा ने आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात भी की. मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री के साथ जी20 सम्मेलन और भारत एवं विश्व बैंक के बीच सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा, विश्व बैंक के लिए भारत पोर्टफोलियो के लिहाज से सबसे बड़ा बाजार है और हमारे तमाम हित यहां से जुड़े हैं.


दुनिया के सामने अभी भी खतरा


बंगा ने आर्थिक मुद्दों को लेकर कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जिस खराब स्थिति का डर था, वह कम हुआ है. हमने अच्छा प्रदर्शन किया है. हालांकि अभी भी खतरा पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है. अगले साल की शुरुआत में ग्लोबल स्लोडाउन यानी वैश्विक आर्थिक सुस्ती देखने को मिल सकती है.


इस एक बात से बचेगा भारत


वहीं भारत को लेकर विश्व बैंक प्रमुख ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को अपनी घरेलू खपत के दम पर राहत मिल सकती है. भारत के सकल घरेलू उत्पाद का बड़ा हिस्सा घरेलू खपत से आता है. ऐसे में अगर कुछ महीनों के लिए दुनिया में सुस्ती आती है तब भी घरेलू खपत पर आधारित होना भारत की अर्थव्यवस्था के लिए स्वाभाविक सहारा होगा.


भारतीय मूल के हैं अजय बंगा


जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की बैठक गांधीनगर में हुई. इसमें विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसे बहुपक्षीय विकास संस्थानों की भूमिका पर भी चर्चा हुई. विश्व बैंक का प्रमुख बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति बंगा इस समय भारत की यात्रा पर हैं. उन्होंने जून की शुरुआत में इस अंतरराष्ट्रीय संगठन की कमान संभाली थी.


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