Dharavi Redevelopment: धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) को लेकर हाल के दिनों में कुछ इलाकों में जारी बेदखली नोटिसों पर विवाद और आशंकाओं के बीच परियोजना प्रबंधन ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह कदम किसी भी निवासी को स्थायी रूप से विस्थापित करने के उद्देश्य से नहीं उठाया गया है, बल्कि इसका मकसद देश की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी शहरी पुनर्वास योजनाओं में से एक के काम को तेज़ी से आगे बढ़ाना है.

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डीआरपी और स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (SRA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. महेंद्र कल्याणकर ने कहा कि धारावी के लोग पिछले कई दशकों से अत्यंत खराब, अस्वच्छ और अमानवीय परिस्थितियों में जीवन-यापन कर रहे हैं. ऐसे में धारावी का पुनर्विकास उनके लिए किसी विकल्प की तरह नहीं, बल्कि एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुका है.

उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि धारावी की अत्यधिक घनी बसावट के कारण निर्माण कार्य शुरू करने के लिए पर्याप्त खुली जमीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए कुछ सीमित इलाकों में अस्थायी तौर पर लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करना अपरिहार्य हो गया है, ताकि आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा सके.

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अस्थाई तौर पर शिफ्टिंग जरूरी

डॉ. कल्याणकर ने बताया कि गणेश नगर और मेघवाड़ी जैसे क्षेत्रों में लगभग 42 निवासियों को जो नोटिस जारी किए गए हैं, उनका उद्देश्य किसी भी तरह का जबरन विस्थापन नहीं है. यह कदम मुख्य रूप से 1,800 मिलीमीटर व्यास की सीवेज पाइपलाइन बिछाने जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक कार्यों के लिए उठाया गया है, जिससे पूरे इलाके में स्वच्छता व्यवस्था में सुधार हो सके और जनस्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके.

उन्होंने जोर देकर कहा कि कुछ हजार लोगों का अस्थायी पुनर्वास उस बड़े लक्ष्य के संदर्भ में देखा जाना चाहिए, जिसके तहत करीब 10 लाख धारावी निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की योजना है. इस परियोजना के अंतर्गत लगभग 1.25 लाख नए, पक्के और सुरक्षित घर बनाए जाएंगे, जिनसे लाखों धाराविकरों को लंबे समय तक लाभ मिलेगा. अधिकारियों का दावा है कि पूरी प्रक्रिया कानून के दायरे में रहकर, पारदर्शिता और मानवीय दृष्टिकोण के साथ लागू की जा रही है.

परियोजना प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन निवासियों को अस्थायी रूप से शिफ्ट किया जा रहा है, उन्हें किसी भी तरह से असहाय नहीं छोड़ा जाएगा. पात्र परिवारों को किराये के लिए वित्तीय सहायता, ब्रोकरेज सपोर्ट और वैकल्पिक आवास की पूरी व्यवस्था की जा रही है. ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले पात्र रिहायशी परिवारों को 18,000 रुपये प्रति माह किराया दिया जा रहा है, जबकि ऊपरी मंज़िल पर रहने वाले पात्र परिवारों को 15,000 रुपये प्रतिमाह की सहायता मिल रही है.

धारावी में सवा लाख नए घर

खास बात यह है कि 12 महीने का किराया पहले ही एकमुश्त दिया जा रहा है, ताकि परिवारों को स्थानांतरण के दौरान किसी तरह की आर्थिक परेशानी न हो. वहीं, पात्र व्यावसायिक इकाइयों को उनके कार्पेट एरिया के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है, जिससे उनके व्यवसाय पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके.

इसके अलावा, बढ़ती महंगाई और किराये में संभावित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हर साल 5 प्रतिशत किराया बढ़ोतरी का प्रावधान भी किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, शताब्दी नगर जैसे इलाकों के पात्र निवासियों को म्हाडा के ट्रांजिट अपार्टमेंट्स में शिफ्ट किया जा रहा है, ताकि उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक अस्थायी आवास मिल सके.

कुल मिलाकर, डीआरपी का कहना है कि शुरुआती चरण में की जा रही ये अस्थायी व्यवस्थाएं परियोजना की गति बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी हैं. इसका अंतिम उद्देश्य यही है कि भविष्य में धारावी का हर निवासी एक सुरक्षित, स्वच्छ, आधुनिक और सम्मानजनक स्थायी घर में रह सके और दशकों पुरानी बदहाल जीवन परिस्थितियों से हमेशा के लिए मुक्ति पा सके.