Delhi Traders Welfare Board: दिल्ली सरकार ने राजधानी के लाखों व्यापारियों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड का औपचारिक तौर पर पंजीकरण और गठन पूरा हो गया है. यह बोर्ड अब राजधानी के लगभग 8 लाख व्यापारियों की समस्याओं और जरूरतों को सरकार तक पहुंचाने का आधिकारिक माध्यम बनेगा.

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वेलफेयर फंड से होगी मदद

सोमवार को उद्योग विभाग और डीएसआईआईडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बोर्ड के गठन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह बोर्ड न सिर्फ व्यापारियों की समस्याओं पर काम करेगा बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक हितों के लिए एक ट्रेडर्स वेलफेयर फंड भी बनाया जाएगा.

इस फंड के माध्यम से आर्थिक मदद आपातकालीन सहायता और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाएंगी. बैठक में दिल्ली के औद्योगिक इलाकों की चल रही परियोजनाओं की भी समीक्षा हुई. इसमें पटपड़गंज, बापरोला, रानीखेड़ा और कंझावला जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के विकास कार्य ओ एंड एम टेंडर ई-वेस्ट प्लांट की प्रगति और प्रस्तावित ग्लोबल इंडस्ट्रियल इन्वेस्टर समिट की तैयारियों पर चर्चा शामिल रही.

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कारोबारियों को होगा खूब फायदा

उद्योग मंत्री सिरसा ने कहा दिल्ली ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड का पंजीकरण होना राजधानी के व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा कदम है.  यह पहली बार होगा जब व्यापारी समुदाय की समस्याओं और योजनाओं को एक संगठित तरीके से सुना और हल किया जाएगा. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी का स्पष्ट निर्देश है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले हर वर्ग को सुरक्षा और सहयोग मिले.उन्होंने यह भी बताया कि बोर्ड व्यापारियों के लिए कई महत्वपूर्ण काम करेगा.

  • सरकार और व्यापारी समुदाय के बीच बेहतर संवाद स्थापित करना.
  •  व्यापार चलाने में आने वाली दिक्कतों और कागजी कार्यवाही को आसान बनाने के सुझाव देना.
  • व्यापारियों और कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की पहचान करना.
  • कौशल विकास, प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना.
  • व्यापारियों का मेलों में भागीदारी के अवसर बढ़ावा देना. 

बैठक में दिल्ली सिंगल विंडो सिस्टम की प्रगति पर भी चर्चा हुई. इस सिस्टम के जरिए 400 से अधिक व्यापारी सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराएगा जिससे कारोबार शुरू करना और चलाना दोनों ही आसान हो जाएगा.

व्यापारियों ने झेली कई चुनौतियां

विशेषज्ञ बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के व्यापारियों ने जीएसटी ई-वे बिल, लाइसेंसिंग और अन्य compliances के कारण कई चुनौतियां झेली हैं. ऐसे में यह बोर्ड उनके लिए एक संगठित आवाज बनेगा. दिल्ली सरकार का कहना है कि राजधानी को व्यापार और उद्योग का मॉडल राज्य बनाने की दिशा में यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है.

उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को सभी महत्वपूर्ण योजनाओं और नीति-निर्माण संबंधी कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए. उनका कहना था कि पारदर्शिता, समयबद्धता और उद्योग जगत की भागीदारी ही दिल्ली को अगली औद्योगिक छलांग दिला सकती है. यह कदम राजधानी के व्यापारियों के लिए आने वाले समय में बड़े बदलावों की शुरुआत माना जा रहा है.

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