Dearness Allowance: महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) बढ़ने की आस में कर्मचारियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है. मगर, एक प्रदेश ऐसा भी जहां की सरकार दो महीने में दो बार डीए बढ़ाकर कर्मचारियों को डबल खुशी दे चुकी है. हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल की. प्रदेश की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य (Chandrima Bhattacharya) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत करते हुए डीए में 4 फीसदी इजाफे का ऐलान किया. उन्होंने 3.6 लाख करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत करते हुए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम का इंसेंटिव बढ़ाने का भी ऐलान किया.


मछुआरों को मिलेंगे 5000 रुपये 


राज्य सरकार ने मछुआरों के लिए समुद्र साथी स्कीम लाने की घोषणा भी की है. इसके तहत उन्हें बारिश के दो महीनों में 5000 रुपये दिए जाएंगे. ऐसी ही कई योजनाएं कारीगरों, युवाओं और अप्रवासी मजदूरों के लिए भी शुरू की गई हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि जनवरी में 4 फीसदी डीए बढ़ाया गया था. हमने कहा था कि हम धीरे-धीरे सभी बकाया का भुगतान कर देंगे. 


कर्मश्री और लक्ष्मीर भंडार स्कीम हुईं लॉन्च 


प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बजट को शानदार बताया. इसमें महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए चलाई जा रही लक्ष्मीर भंडार (Lakshmir Bhandar) योजना समेत कई लाभकारी स्कीम को भी लॉन्च किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बजट में समाज के हर तबके का ध्यान रखा है. वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि मई, 2024 से कर्मश्री (Karmasree) योजना की शुरुआत की जाएगी. इसमें राज्य सरकार जॉब कार्ड धारकों को साल में कम से कम 50 दिन का रोजगार दिया जाएगा. हालांकि, इस स्कीम के बजट में धनराशि का प्रावधान नहीं किया गया है. 


मनरेगा बकाया भुगतान के लिए 3700 करोड़ रुपये


बजट में 21 लाख मनरेगा (MGNREGA) कर्मियों के बकाया भुगतान के लिए 3700 करोड़ रुपये दिए गए हैं. केंद्र सरकार ने मनरेगा में पैसों के हेरफेर और नकली जॉब कार्ड बनाने का आरोप लगाकर 2  साल से राज्य सरकार का 6900 करोड़ रुपये का मनरेगा फंड रोका हुआ है. सरकार इस पैसे को हासिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. गुरुवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि केंद्र से पैसे मिलने के लिए अप्रैल तक इंतजार किया जाएगा. इसके बाद एक मई से पीएम आवास योजना के 11 लाख लाभार्थियों को पैसा बांटना शुरू कर दिया जाएगा. 


ये भी पढ़ें 


Ratan Tata: रतन टाटा के साथ ऐसा क्या हुआ था, जो उन्होंने 165 करोड़ रुपये खर्च करके जानवरों को लिए बनवा दिया अस्पताल