लगातार गिरावट का शिकार होने के बाद कच्चे तेल के भाव में बीते सप्ताह के दौरान तेजी दर्ज की गई. करीब एक महीने में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कच्चे तेल का भाव साप्ताहिक आधार पर मजबूत हुआ है. उसके साथ ही कच्चे तेल ने करीब 3 साल के निचले स्तर से वापसी की है.

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शुक्रवार को इतना कम हो गया भाव

शुक्रवार को कच्चे तेल के भाव में हल्की गिरावट आई, लेकिन पूरे सप्ताह के हिसाब से अच्छी तेजी देखी गई. सप्ताह के अंतिम दिन विदेशी बाजार में ब्रेंट क्रूड 36 सेंट यानी 0.5 फीसदी गिरकर 71.61 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. वहीं वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 32 सेंट यानी 0.5 फीसदी लुढ़ककर 68.65 डॉलर प्रति बैरल पर रहा. घरेलू बाजार में मल्टी कमॉडिटी एक्सेंचज (एमसीएक्स) पर कच्चा तेल शुक्रवार को 0.46 फीसदी नीचे 5,782 रुपये प्रति बैरल पर आ गया.

साप्ताहिक आधार पर हुआ इतना रिकवर

सप्ताह के दौरान ओवरऑल कच्चे तेल के भाव में तेजी आई. पूरे सप्ताह के हिसाब से ब्रेंट क्रूड में 0.8 फीसदी की और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट में 1.4 फीसदी की तेजी आई. सप्ताह के दौरान मंगलवार को कच्चा तेल गिरकर 70 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गया था. यह 3 साल से ज्यादा समय में पहली बार हुआ था, जब कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर से भी नीचे आई. उसके बाद लगातार तीन सेशन कच्चे तेल के भाव में रिकवरी देखी गई.

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इस तरह गिरा है कच्चे तेल का भाव

कच्चे तेल की डिमांड पिछले कई महीने से कमजोर बनी हुई है, जिसके चलते उसके भाव में लगातार गिरावट आ रही है. पिछले सप्ताह की रिकवरी के बाद भी इस महीने कच्चा तेल करीब 10 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता है. कुछ महीने पहले अप्रैल में कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर तक पहुंच गया था. उसके बाद के 5 महीने के दौरान कच्चे तेल के भाव में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई.

चक्रवात से मिली कुछ दिनों की राहत

हालांकि कच्चे तेल का आगे का आउटलुक अभी भी ठीक नहीं लग रहा है. बीत सप्ताह भाव में आई तेजी की मुख्य वजह Hurricane Francine है, जिसके चलते गल्फ ऑफ मैक्सिको में कच्चे तेल के उत्पादन पर असर हुआ. चक्रवात के नरम पड़ने के बाद शुक्रवार से उत्पादन सामान्य होने लगा तो उस दिन कच्चे तेल में फिर से गिरावट आई. सबसे बड़े कंज्यूमर चीन में डिमांड कमजोर बनी हुई है. हाल ही में आईईए ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन समेत वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की मांग कमजोर रहने वाली है. ऐसे में आने वाले दिनों में कच्चे तेल के भाव पर दबाव बना रह सकता है.

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