GST 2.0: केन्द्र सरकार की तरफ से वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी रिफॉर्म के ऐलान और नए टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद राज्य सरकारों की तरफ से यह चिंता जाहिर की गई कि उसके राजस्व पर असर पड़ेगा. केन्द्र ने भी माना कि जीएसटी रिफॉर्म के बाद सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है. लेकिन एक रिपोर्ट की मानें तो जीएसटी रिफॉर्म से किसी तरह का सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय असर नहीं पड़ने वाला है.

Continues below advertisement

सरकार पर नहीं पड़ेगा बोझ

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की मानें तो जीएसटी की दरों में हाल में जो बदलाव किए गए हैं, उससे सरकार पर किसी तरह का कोई राजकोषीय बोझ नहीं पड़ेगा. शुक्रवार को रेटिंग एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि सरकार की तरफ से जीएसटी रेट में कटौती के चलते अल्पावधि में करीब 48,000 करोड़ रुपये के शुद्ध नुकसान का अनुमान है, जबकि फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कुल जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 10.6 लाख करोड़ रुपये हो गया था.

Continues below advertisement

इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि कुल जीएसटी कलेक्शन के अनुपात में यह राजस्व नुकसान बहुत अधिक नहीं है. गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव करते हुए इसे तर्कसंगत बनाकर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब में रखने का फैसला किया है. जीएसटी रिफॉर्म का यह संशोधन 22 सितंबर से प्रभावी हो जाएगा और इसके बाद कई प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की कीमतों में कमी आएगी.

टैक्स कलेक्शन में मजबूती

क्रिसिल रिपोर्ट की मानें तो जीएसटी रेट्स को तर्कसंगत बनाने से अधिक गुड्स एंड सर्विसेज औपचारिक कर दायरे में आ सकेंगी, जिससे मध्यम अवधि में टैक्स कलेक्शन में मजबूती मिलेगी. पहले 70-75% जीएसटी राजस्व 18% स्लैब से आता था, जबकि 12% स्लैब से केवल 5-6% और 28% स्लैब से 13-15% राजस्व मिलता था. रिपोर्ट के मुताबिक, 12% स्लैब में शामिल वस्तुओं पर टैक्स घटाने से राजस्व को कोई खास नुकसान नहीं होगा.

वहीं, मोबाइल शुल्क जैसी तेजी से बढ़ती सेवाओं पर दरें पहले की ही तरह हैं. जबकि ई-कॉमर्स डिलीवरी जैसी नई सेवाओं को जीएसटी स्लैब में शामिल कर 18% की दर से कर लगाया गया है. क्रिसिल ने कहा कि टैक्स में कटौती से उपभोक्ताओं की वास्तविक आय बढ़ेगी, जिससे मांग और जीएसटी संग्रह दोनों को प्रोत्साहन मिल सकता है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उत्पादक कर में बदलाव का लाभ उपभोक्ताओं को किस हद तक पहुंचाते हैं.

ये भी पढ़ें: भारत के लिए आई एक और खुशखबरी, जानकार चीन-पाकिस्तान से अमेरिका तक लगेगी मिर्ची