Common ITR Form Latest Update: जल्द ही सभी टैक्सपेयर्स एक ही आईटीआर फॉर्म के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे. वित्त मंत्रालय सभी टैक्सपेयर्स के लिए कॉमन इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म का प्रस्ताव लेकर आया है. इस प्रस्ताव को लेकर वित्त मंत्रालय ने स्टेकहोल्डर्स से 15 दिसंबर,2022 तक सुझाव मांगा है. और इस बात के आसार हैं कि 2023-24 के बजट में कॉमन आईटीआर फॉर्म लाने की घोषणा की जा सकती है. 


मौजूदा समय में अलग अलग कैटगरी के टैक्सपेयर्स के लिए 7 प्रकार के आईटीआर फॉर्म मौजूद है. लेकिन वित्त मंत्रालय सभी टैक्सपेयर्स के लिए अब एक ही आईटीआर फॉर्म का प्रस्ताव लेकर आया है. आईटीआर-7 को छोड़कर बाकी सभी आईटीआर फॉर्म का आपस में विलय किया जाएगा. सीबीडीटी के मुताबिक कॉमन आईटीआर के जरिए आयकर रिटर्न भरने में जहां टैक्सपेयर्स को आसानी होगी वहीं टैक्सपेयर्स और नॉन बिजनेस टाइप टैक्सपेयर्स को आईटीआर भरने में समय की बचत भी होगी. ट्रस्ट और नॉन-प्रॉफिट आर्गनाइजेशन को छोड़कर सभी टैक्सपेयर्स आयकर रिटर्न भरने के लिए कॉमन आईटीआर का इस्तेमाल कर सकेंगे. 


सीबीडीटी के मुताबिक आईटीआर-1 और आईटीआर - 4 जारी रहेगा. लेकिन टैक्सपेयर्स के पास ये विकल्प होगा कि वे कॉमन आईटीआर के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करें. हालांकि एक बार नोटिफिकेशन जारी होने के बाद आईटीआर -2 और आईटीआर -3 के जरिए रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स केवल कॉमन आईटीआर फॉर्म के जरिए ही रिटर्न दाखिल कर सकेंगे. 


टैक्सपेयर्स पर क्या होगा असर
दो साल पहले इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए नई ई-फाइलिंग वेबसाइट लेकर आई. टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने के लिए काफी कुछ नया सीखना पड़ा. लेकिन कॉमन आईटीआर फॉर्म आने के बाद एक बार टैक्सपेयर्स को रिटर्न दाखिल करने के लिए नए तरीके से सबकुछ सीखना होगा. साथ ही टैक्सपेयर्स को रिटर्न भरने के समय कई नए निर्णय लेने होंगे जैसे पुराना आईटीआर फॉर्म के जरिए रिटर्न भरें या कॉमन आईटीआर का चुनाव करें. 


टैक्स विभाग लगातार नए प्रयोग करता रहा है. सबसे पहले वो प्री-फिल्ड आईटीआर फॉर्म लेकर आया. उसके बाद बीते साल एनुअल इंफॉरमेशन सिस्टम की शुरुआत की गई जिससे टैक्सपेयर्स के हर फाइनैंशियल लेन-देन और उसके इनकम की जानकारी जुटाई जा सके. 


फिलहाल 7 प्रकार के आईटीआर फॉर्म्स होते हैं. 
ITR फॉर्म संख्या -1 - इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म संख्या वो टैक्सपेयर्स भरते हैं जिनकी सलाना आय 50 लाख रुपये तक है. उनके इनकम का सोर्स वेतन के अलावा एक प्रॉपर्टी से आय, ब्याज से होने वाली आय, डिविडेंड इनकम और कृषि से सलाना 5,000 रुपये तक का इनकम हो. 


आटीआर फॉर्म संख्या -2 - अगर म्यूचुअल फंड, स्टॉक जैसी संपत्तियों की बिक्री से पूंजीगत लाभ होता है या एक से अधिक गृह संपत्ति है तो ऐसे टैक्सपेयर्स को आईटीआर -2 दाखिल करना होता है.  


टैक्स रिटर्न फॉर्म संख्या -3 - उन व्यक्तियों और HUF के लिए है, जिन्हें लाभ से आय होती है या व्यवसाय से लाभ होता है. 


आटीआर फॉर्म संख्या - 4 - आईटीआर-4 सुगम के रूप में भी जाना जाता है, जो व्यक्तियों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) (एलएलपी के अलावा) के लिए लागू होता है, जिनकी व्यवसाय और पेशे से कुल आय 50 लाख रुपये तक होती है.  यह किसी ऐसे व्यक्ति के लिए नहीं है जो या तो किसी कंपनी में निदेशक है या उसने गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया है या यदि ESOP पर आयकर स्थगित कर दिया गया है या कृषि आय 5,000 रुपये से ज्यादा है. 


ITR-5 एलएलपी और आईटीआर -6 बिजनेस इनकम के लिए है, वहीं आईटीआर - 7 के जरिए ट्रस्ट को रिटर्न भरना होता है. 


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