Trump Tariff: चीन ने सोमवार को उन सभी देशों को धमकी दी है जो अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने के बारे में सोच रहे हैं. चीन का ऐसा मानना है कि इससे बीजिंग को नुकसान होने की संभावना है. इधर, ट्रंप भी चीन के साथ व्यापार कम करने के बदले टैरिफ पर छूट देने की बात की है. इससे दोनों देशों में तनातनी और बढ़ गई है. चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि चीन की कीमत पर हुए किसी भी समझौते का जवाब दृढ़ता व रेसिप्रोकल तरीके से दिया जाएगा.
टैरिफ पर कई देशों की अमेरिका से बातचीत
चीन का कहना है कि बेशक दूसरे देश अमेरिका के साथ बात कर अपने व्यापारिक और आर्थिक मतभेदों को सुलझाएं, लेकिन अगर किसी तरह के समझौते से चीन को नुकसान हुआ, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. चीन ने यह चेतावनी एक ऐसे में दी है जब वह खुद अमेरिका के साथ बातचीत करने की तैयारी में है.
वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप टैरिफ पर बातचीत करने के बहाने से अपने इकोनॉमिक पार्टनर्स पर चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते को कम करने और वहीं की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री पर लगाम कसने के लिए दबाव डालना चाहते थे. इस वक्त टैरिफ पर छूट को लेकर 70 से अधिक देशों के साथ ट्रंप प्रशासन की बातचीत चल रही है.
चीन ने दे डाली चेतावनी
सोमवार को चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने दूसरे के हित की कीमत पर अपना स्वार्थ निकालने वाले देशों को चेतावनी दी है. चीन उन सभी देशों को निशाना बनाएगा जो बीजिंग को नुकसान पहुंचाने के लिए अमेरिकी दबाव में आएंगे.
दुनिया के कई देशों को टैरिफ से अस्थायी राहत देते हुए ट्रंप ने चीनी सामानों के आयात पर टैरिफ को बढ़ाकर 145 परसेंट कर दिया और चीन ने भी इस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी आयात पर 125 परसेंट टैरिफ लगा दिया.
ट्रंप व्यापार के मोर्चे पर लंबे समय से चीन पर अमेरिका का शोषण करने का आरोप लगाते रहे हैं. अब वह टैरिफ लगाकर अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत बनाने और अमेरिका में नौकरियों को वापस लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वह भविष्य में टैक्स में छूट के लिए भी टैरिफ का इस्तेमाल करना चाहते हैं.
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