US China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच इन दिनों डोनाल्ड ट्रंप की नई ट्रेड पॉलिसी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. एक दूसरे पर लगातार टैरिफ बढ़ाते ये देश अब एआई के मुद्दे पर भी आमने-सामने हैं. इस मामले में नई खबर ये है कि चीन की दिग्गज टेक कंपनी Huawei Technologies ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंफ्रास्ट्रक्चर लॉन्च किया है जो अमेरिका की चिप निर्माता कंपनी Nvidia को सीधी टक्कर दे सकता है. इस खबर ने एक बार फिर से Nvidia और अमेरिका को चिंता में डाल दिया है. आपको याद ही होगा, हाल ही में डीपसीक की वजह से कैसे Nvidia के शेयर धराशायी हो गए थे.

क्या है नए AI सिस्टम का नाम?

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सिस्टम का नाम है CloudMatrix 384 Supernode, जिसे Huawei ने एक "न्यूक्लियर-लेवल प्रोडक्ट" बताया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, Huawei का यह सुपरनोड Nvidia के मशहूर NVL72 सिस्टम की बराबरी करता है और कंप्यूटिंग पॉवर की जो दिक्कतें AI डाटा सेंटर में आती हैं, उन्हें काफी हद तक सुलझाने में सक्षम है. खास बात ये है कि Huawei का सिस्टम 300 petaflops की कंप्यूटिंग पॉवर देता है, जबकि Nvidia का NVL72 180 petaflops तक सीमित है.

Nvidia NVL72 को चुनौती

अब बात करें Nvidia NVL72 की तो ये एक बेहद पावरफुल GPU सिस्टम है, जिसमें 72 GPU एक साथ काम करते हैं, जिससे ये ट्रिलियन-पैरामीटर वाले बड़े लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) को रियल टाइम में प्रोसेस कर सकता है. Huawei ने इसी को चुनौती दी है और वो भी अपने घरेलू चिप्स के साथ.

Huawei का नया सुपरनोड फिलहाल Anhui प्रांत के Wuhu शहर में कंपनी के डेटा सेंटर में लगाया गया है. इसमें हाई-एंड CPU, नेटवर्क बैंडविड्थ, स्टोरेज और मेमोरी जैसी सभी ज़रूरी चीज़ें हैं जो AI मॉडल्स को तेजी से ट्रेन और रन करने में मदद करती हैं. ये तकनीकी छलांग सिर्फ एक प्रोडक्ट लॉन्च नहीं, बल्कि Huawei की स्वदेशी तकनीक पर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है. खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका और चीन के बीच टेक वॉर अपने चरम पर है.

चीन बढ़ा रहा AI ताकत

Huawei अब चाइनीज़ AI स्टार्टअप SiliconFlow के साथ मिलकर इस सिस्टम को DeepSeek-R1 जैसे एडवांस AI मॉडल्स में इस्तेमाल कर रहा है, जो जनवरी में लॉन्च के बाद से ग्लोबली चर्चा में है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस सुपरनोड ने 1,920 टोकन प्रति सेकंड की रफ्तार के साथ शानदार परफॉर्मेंस भी दी है.

Huawei अकेला नहीं है, चीन की बाकी कंपनियां भी AI में भारी निवेश कर रही हैं. Alibaba ने हाल ही में अगले तीन सालों में 380 अरब युआन (करीब 52 अरब डॉलर) AI और कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में झोंकने का ऐलान किया है.

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