Chanda Kochhar Update: : आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. कोर्ट से उन्हें फिलहाल राहत मिल गई हो लेकिन अपने पद का दुरुउपयोग करने और भष्ट्राचार के आरोप का जो दाग उनके दामन पर लगा है वो अभी तक धुला नहीं है. सीबीआई की जांच उनके खिलाफ जारी है. 


ताकतवर बैंकरों में होती थी गिनती 


एक दौर में चंदा कोचर की तूती बोलती थी. चंदा कोचर की गिनती देश के सबसे ताकतवर बैंकरों में हुआ करती थी. आईसीआईसीआई बैंक एक दौर में देश की सबसे बड़ी निजी बैंक हुआ करती थी. लेकिन चंदा कोचर के कार्यकाल में ही आईसीआईसीआई बैंक पिछड़ता चला गया और देखते ही देखते एचडीएफसी बैंक देश का सबसे बड़ा निजी बैंक बनने में कामयाब हो गया. ये चंदा कोचर की बड़ी विफलता थी. 


लालच ने लाया अर्श से फर्श पर


कहा जाता है लालच ने चंदा कोचर को अर्श से फर्श पर ला दिया. 2018 में चंदा कोचर के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों को लोन देने में बरती गई कथित अनियमितताओं और लोन के बदले कैश के आरोपों के बाद बैंक के बोर्ड से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. आईसीआईसीआई बैंक ने मई, 2018 में वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये के लोन देने में कोचर की कथित भूमिका के बारे में व्हीसलब्लोअर से शिकायत मिलने के बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की थी. आरोप है कि कर्ज देने से चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को फायदा हुआ था. विवाद गहराने पर चंदा कोचर छुट्टी पर चली गई और अर्ली रिटायरमेंट के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया. हालांकि बाद में उन्हें बैंक से बर्खास्त कर दिया गया.



1984 में एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में शुरू हुई यात्रा 


चंदा कोचर ने 1984 में एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में आईसीआईसीआई में काम शुरू किया था. वे ग्रुप के तत्कालीन चेयरमैन के वी कामत की पसंदीदा रहीं  थीं. 1990 के दशक की शुरुआत में आईसीआईसीआई एक कमर्शियल बैंक बन गया. उन्हें 2009 में एमडी और चीफ एग्जीक्यूटिव के रूप में के वी कामत का उत्तराधिकारी चुना गया. चंदा कोचर के सीईओ बनने के चलते शिखा शर्मा ने इस्तीफा दे दिया था जो बाद में एक्सिस बैंक की प्रमुख बनी.  शिखा शर्मा चंदा कोचर से सीनियर थीं लेकिन कोचर को सीईओ बनाये जाने से निराश थीं. 


3 करोड़ सैलेरी फिर भी भ्रष्टाचार!


आईसीआईसीआई बैंक छोड़ने से पहले चंदा कोचर की सैलेरी हर महीने 26 लाख रुपये और सलाना 3.12 करोड़ रुपये हुआ करती थी. आदित्य पूरी, अमिताभ चौधरी और उदय कोटक के बाद चंदा कोचर बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा वेतन पाने वालों में चौथे स्थान पर थी.  


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