Indian Economy: मौजूदा दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) 7 फीसदी के दर से सलाना विकास करती रहेगी. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष 2022- 23 में भी 7 फीसदी आर्थिक विकास दर ( Economic Growth Rate) रहने का अनुमान है. ये भरोसा देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार ( Chief Economic Advisor) वी अनंत नागेश्वरन ( V Anant Nageshwaran) ने जताया है.  उन्होंने इसके पीछे कोविड महामारी के दुष्प्रभावों और यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पैदा हुए हालात को जिम्मेदार बताया है.

मुख्य आर्थिक सलाहकार ग्लोबल फिनटेक फेस्ट ( Global Fintech Fest) समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यूके ( United Kingdom) के पीछे छोड़ते हुए भारत हाल ही में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में कामयाब रहा है. जो कि बड़ी उपलब्धि है लेकिन ये उपलब्धि हैरान करने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हम 2023 में प्रवेश करने जा रहे हैं तो इस दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार 7 फीसदी के दर से विकास करता रहेगा.  दरअसल इस वर्ष जो आर्थिक सर्वे ( Economic Survey) पेश किया गया था उसमें 2022-23 में 8 से 8.5 फीसदी आर्थिक विकास दर रहने का अनुमान जताया गया था. 

आरबीआई ( RBI) ने 2022-23 में 7.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट ( GDP Growth Rate) का अनुमान जताया है. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.5 फीसदी जीडीपी रहा है जो आरबीआई के 16.2 फीसदी के अनुमान से कम है. बीते वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट रहा था.   वी अनंत नागेश्वर ने  कहा कि सरकार अब अपना पूरा ध्यान अब वित्तीय समावेशन से वित्तीय सशक्तीकरण पर केंद्रित कर रही है और चालू दशक में लोगों को कर्ज एवं बीमा जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि रेमिटेंस पर लगने वाले चार्ज को लगभग शून्य करने के इरादे से सरकार सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ मिलकर काम कर रही है.  उन्होंने कहा कि इस कदम से विदेश में रहने वाले भारतीयों को लाभ होगा. 

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