IndiGo Airline Disruptions: इस महीने की शुरुआत में देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन कंपनी इंडिगो को जिस बड़े परिचालन संकट का सामना करना पड़ा था, उसके बाद अब यह मामला नियामकीय जांच के दायरे में आ गया है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उसने प्रतिस्पर्धा कानूनों के तहत इंडिगो के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने का फैसला किया है.

Continues below advertisement

अब सीसीआई की कड़ी नजर

दरअसल, दिसंबर की शुरुआत से इंडिगो ने सैकड़ों उड़ानें रद्द की थीं, जिससे देशभर में हजारों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा और एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. सीसीआई ने एक बयान में कहा कि उसे विमानन क्षेत्र में विभिन्न रूट्स पर उड़ानों में आई रुकावटों को लेकर इंडिगो के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके प्रारंभिक आकलन के बाद यह पाया गया कि मामले में आगे जांच की जरूरत है.

Continues below advertisement

गौरतलब है कि इंडिगो घरेलू विमानन बाजार में 65 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखती है, ऐसे में उसके परिचालन में आई बाधाओं का सीधा असर यात्रियों और पूरे सेक्टर पर पड़ता है. इसी वजह से कुछ हलकों में यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या इंडिगो की मजबूत बाजार स्थिति ने प्रतिस्पर्धा से जुड़े मुद्दों को जन्म दिया है.

डीजीसीए कर रहा जांच

दूसरी ओर, विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए भी उड़ानों में आई रुकावटों और एयरलाइन के परिचालन प्रबंधन की अलग से जांच कर रहा है. इस बीच, इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कर्मचारियों और यात्रियों को भरोसा दिलाया है कि कंपनी सबसे बुरे दौर से बाहर निकल चुकी है और अब उसका फोकस परिचालन को मजबूत करने, संकट के मूल कारणों की समीक्षा करने और दोबारा भरोसे के साथ आगे बढ़ने पर है.

हालांकि, सीसीआई और डीजीसीए की जांच के नतीजे आने तक इंडिगो पर नियामकीय दबाव बना रहेगा और यह देखना अहम होगा कि क्या इन उड़ान रद्दियों को केवल परिचालन चूक माना जाएगा या फिर प्रतिस्पर्धा कानूनों के उल्लंघन के नजरिये से भी कोई सख्त कार्रवाई होती है. 

ये भी पढ़ें: यूएस टैरिफ के बीच चीन से दोस्ती पड़ रही भारी, चौंकाने वाली रिपोर्ट ने उड़ाई भारत की नींद