कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) यानी सीसीडी (CCD) नाम से पूरे देश में फेमस कॉफी रिटेल चेन चलाने वाली कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Coffee Day Enterprises Ltd) गंभीर वित्तीय संकटों में फंसती दिख रही है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड का कुल डिफॉल्ट 450 करोड़ रुपये के करीब जा पहुंचा है. कंपनी ने खुद इसकी जानकारी दी है.


यहां पर हुई है भुगतान में चूक


कंपनी ने अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में शेयर बाजारों को बताया है. उसने कहा है कि बैंकों व अन्य कर्जदाताओं से कैश क्रेडिट का 220.48 करोड़ रुपये बकाया है. इसमें से कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड 189.70 करोड़ रुपये के भुगतान में डिफॉल्ट कर चुकी है. इसके अलावा कंपनी अभी तक के हिसाब से 5.78 करोड़ रुपये का ब्याज भरने में भी नाकामयाब रही है.


कंपनी के ऊपर ये भी बकाया


कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड के ऊपर और बकाया भी है. कंपनी ने एनसीडी और एनसीआरपीएस जैसे अनलिस्टेड डेट सिक्योरिटीज के माध्यम से भी कर्ज जुटाया है. इस तरह से कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड के ऊपर कुल बकाया 244.77 करोड़ रुपये का है, जिसमें 200 करोड़ रुपये की मूल राशि और 44.77 करोड़ रुपये के ब्याज का डिफॉल्ट शामिल है.


फाउंडर की मौत से आया संकट


कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड की स्थिति 2019 से खराब है. संस्थापक वीजी सिद्धार्थ की 2019 में मौत होने के बाद से कंपनी का संकट शुरू हुआ है, जा अब तक समाप्त नहीं हुआ है. हालांकि कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बड़े हद तक कर्ज को चुकाया है, लेकिन अभी भी कंपनी डिफॉल्ट से नहीं उबर पा रही है. कंपनी का कहना है कि वह अपनी कुछ संपत्तियों की बिक्री कर आने वाले दिनों में भुगतान करेगी और बकाया कर्ज को कम करेगी.


सेबी ने लगाई थी पेनल्टी


कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने मार्च 2020 में कहा था कि वह 13 कर्जदाताओं को 1,644 करोड़ रुपये का भुगतान करने वाली है. उस समय कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपना टेक्नोलॉजी बिजनेस पार्क बेचा था, जिसके लिए ब्लैकस्टोन ग्रुप के साथ डील हुई थी. इस साल की शुरुआत में बाजार नियामक सेबी कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड पर पेनल्टी भी लगा चुका है. सेबी ने कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड के ऊपर 26 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई थी. यह पेनल्टी कंपनी के सब्सिडिसरीज से 3,535 करोड़ रुपये के फंड को डायवर्ट करने पर रोक लगाने में असफल रहने के चलते लगाई गई थी.


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