Omicron Cases in India: कोरोना के (corona third wave) मामलों में देशभर में तेजी आने और कई राज्यों के द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का सीधा असर देश की व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियों पर पड़ रहा है, जिसके चलते देशभर में विभिन्न सामानों का व्यापार पिछले 10 दिनों में करीब 45 फीसदी कम हुआ है. कॉन्फेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बताया कि देश में कुल रिटेल व्यापार 125 लाख करोड़ रुपये का होता है.


व्यापारिक गतिविधियां चलती रहें
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है की कोरोना से बचाव के लिए हर संभव कदम उठाये जाएं, लेकिन इस पर कोई दो राय नहीं हो सकती है. प्रतिबंधों के साथ व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियां भी सुचारू रूप से चलती रहें इसको ध्यान में रखकर कोई भी कदम उठाया जाना चाहिए. 


व्यापार में आई 45 फीसदी की गिरावट
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना के विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों के चलते देशभर में पिछले दस दिनों के व्यापार में औसतन 45 फीसदी की गिरावट आई है. शहर से बाहर से आने वाला खरीदार अपने शहर से बाहर नहीं निकल रहा है जबकि रिटेल की खरीददारी करने के लिए उपभोक्ता भी जरूरत पड़ने पर ही सामान खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं. इस दोहरी मार से देश का व्यापार बुरी तरह अभी से अस्त व्यस्त होना शुरू हो गया है, जिस पर केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों को ध्यान देने की जरूरत है.


पाबंदियों का दिख रहा असर
कैट की रिसर्च संगठन कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने 1 जनवरी से 6 जनवरी तक देश के विभिन्न राज्यों के 36 शहर जिन्हे कैट ने "वितरण केंद्र" का दर्जा दिया है. इसमें कोरोना के बढ़ते स्वरुप और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों का व्यापार पर क्या असर पड़ा है इसको लेकर व्यापारियों के बीच एक सर्वे किया, जिससे यह पता लगा कि बीते सप्ताह देश के घरेलू व्यापार में लगभग 45 फीसदी की औसतन गिरावट आई है.


तीसरी लहर का दिख रहा असर
इस गिरावट का मुख्य कारण कोरोना की तीसरी लहर से लोगों में घबराहट, पड़ोसी शहरों से वितरण केंद्र पर सामान खरीदने का न आना व्यापारियों के पास पैसे की तंगी, उधार में बड़ी रकमों का फंसना और इसके साथ ही बिना व्यापारियों से सलाह के बेतरतीब तरीके से कोविड प्रतिबंध लगाना भी शामिल हैं. 


जानें कितनी आ सकती है गिरावट?
कैट की तरफ से मौटे तौर पर बताया गया कि एफएमसीजी में 35 फीसदी, इलेक्ट्रॉनिक्स में 45 फीसदी, मोबाइल में 50 फीसदी, दैनिक उपभोग की वस्तुओं में 30 फीसदी, फुटवियर में 60 फीसदी, ज्वेलरी में 30 फीसदी, खिलौनों में 65 फीसदी, गिफ्ट आइटम्स में 65 फीसदी, बिल्डर हार्डवेयर में 40 फीसदी, सेनेटरीवेयर में 50 फीसदी, परिधान  में 30 फीसदी, कॉस्मेटिक्स में 25 फीसदी, फर्नीचर में 40 फीसदी, फर्निशिंग फैब्रिक्स में 40 फीसदी, इलेक्ट्रिकल सामान में 35 फीसदी, सूटकेस एवं लगैज में 45 फीसदी, खाद्यान्न में 20 फीसदी, रसोई उपकरणों में 45 फीसदी, घड़ियों में 35 फीसदी, कंप्यूटर एवं कम्प्यूटर के सामान में 30 फीसदी, स्टेशनरी में 35 फीसदी तक व्यापार में गिरावट का अनुमान है. 


आगामी महीनों में जानें कितना हो सकता है व्यापार?
इसके साथ ही शादियों के सीजन का व्यापार जो मकर संक्राति के दिन 14 जनवरी से शुरू होगा और जिसमें आगामी ढाई महीने में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान था उसमें विभिन्न सरकारों द्वारा शामिल होने वाले लोगों पर लगाए गए प्रतिबंधों से इस व्यापार में सीधे लगभग 75 फीसदी की गिरावट आई है. अब यह अनुमान है कि इस व्यापार वर्टिकल में आगामी ढाई महीने में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार ही होने की संभावना है. 


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