BJP Manifesto Update: रविवार 14 अप्रैल 2024 को बड़े धूमधाम के साथ लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने की हसरतें पाले बीजेपी ने लोकसभा चुनावों लिए संकल्प पत्र के नाम से अपना घोषणा पत्र जारी किया है. लेकिन दुनिया की दिग्गज इंवेस्टमेंट बैंक सिटी को बीजेपी का संकल्प पत्र रास नहीं आ रहा है. सिटी ने एक नोट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी ने जो घोषणा पत्र जारी किया है उसने श्रम और भूमि सुधार जैसे स्ट्रचरल यानि संरचनात्मक आर्थिक सुधारों को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है.


घोषणा पत्र में नहीं है सुधारों का जिक्र


रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सिटी के अर्थशास्त्रियों समीरम चक्रवर्ती और बाबर जैदी ने अपने नोट में लिखा कि भूमि, श्रम, कृषि, निजीकरण, विदेशी निवेश को आकर्षित करने जैसे विवादास्पद सुधारों को लेकर घोषणा पत्र में कुछ भी नहीं कहा गया जो कि थोड़ी निराशा पैदा कर रही है. हालांकि दोनों अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि इसकी घोषणा बात में की जा सकती है. सिटी ने अपने नोट में लिखा कि ये घोषणा पत्र बदलाव की जगह सरकार की नीति को आगे भी जारी रखने पर जोर दे रहा है. सिटी के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि घोषणा पत्र में भारत को दुनिया के दिग्गज मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की ओर इशारा कर रहा है. 


इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर जोर 


14 अप्रैल को अपना घोषणापत्र जारी करते हुए बीजेपी ने वादा किया है कि अगर पार्टी तीसरी बार सत्ता में आई हो तो वो इफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती के साथ मैन्युफैक्चरिंग पर जोर देगी. इसके साथ ही छोटे बिजनेस के लिए ब्याज पर सब्सिडी के साथ कर्ज उपलब्ध कराएगी और   रोजगार का सृजण करेगी. इसके अलावा बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत को बढ़ावा देने के साथ 28 किलोमीटर प्रति दिन की रफ्तार से नाशनल हाइवे का निर्माण करने, तीन नए हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के साथ मेट्रो नेटवर्क के विस्तार करने का वादा किया है. गोषणा पत्र में तीन प्रकार के वंदेभारत ट्रेन चलाने की भी षोणा की गई है.  


19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान 


19 अप्रैल से सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू होना जा रही है और 4 जून 2024 को नतीजे घोषित होंगे. बीजेपी और पीएम मोदी 2024 को लोकसबा चुनावों में 400 सीटें हासिल करने का दावा कर रहे हैं. तो विपक्ष भी बेरोजगारी, महंगाई औऱ आर्थिक असामनता को मुद्दा उठाकर मोदी सरकार को चुनावों में घेरने की कोशिशों में जुटी है.        


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