आईपीओ के बाजार में जारी रौनक आगे भी बरकरार रहने वाली है. बाजार नियामक सेबी के पास लगातार कई कंपनियां आईपीओ लाने का मसौदा फाइल कर रही हैं. अब इस कड़ी में एक नया नाम जुड़ गया है बेंगलुरू मुख्यालय वाली इंफ्रा कंपनी डेंटा वाटर एंड इंफ्रा सॉल्यूशंस लिमिटेड का.


शुरू हो गई आईपीओ की प्रक्रिया


डेंटा वाटर एंड इंफ्रा सॉल्यूशंस वाटर इंजीनियरिंग, प्रोक्यूरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी है. कंपनी अपने कारोबार को बढ़ाने व अन्य मदों में खर्च का वित्तपोषण करने के लिए आईपीओ लेकर आने की तैयारी कर रही है. आईपीओ लाने की प्रक्रिया की शुरुआत बाजार नियामक सेबी के पास डीआरएचपी फाइल करने के साथ हो गई है.


आईपीओ में सिर्फ फ्रेश इश्यू


कंपनी ने डीआरएचपी में बताया है कि उसके प्रस्तावित आईपीओ में ऑफर-फोर-सेल नहीं होगा. इसका मतलब हुआ कि कंपनी के प्रमोटर्स या मौजूदा निवेशक आईपीओ में अपना हिस्सा नहीं बेचने वाले हैं. इस आईपीओ में 75 लाख नए इक्विटी शेयर इश्यू किए जाएंगे. कंपनी ने बताया है कि वह आईपीओ से पहले फंड जुटाने के कुछ अन्य उपायों पर भी काम कर रही है.


आईपीओ से पहले फंड जुटाने की तैयारी


कंपनी डीआरएचपी फाइल करने के पहले से ही 11 लाख शेयरों के प्राइवेट प्लेसमेंट, राइट इश्यू या प्रेफरेंशियल इश्यू समेत स्पेसिफाइड सिक्योरिटीज इश्यू कर फंड जुटाने के लिए मर्चेंट बैंकर्स के साथ बातचीत कर रही है. अगर कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट से फंड जुटाने में कामयाब रहती है, तो जुटाई गई रकम के हिसाब से आईपीओ में फ्रेश इश्यू के साइज को कम कर दिया जाएगा.


कंपनी को इतनी रकम की जरूरत


कंपनी हालिया फ्रेश इश्यू से से जुटाई गई रकम को वर्किंग कैपिटल की जरूरतों में लगाना चाहती है. कंपनी को चालू वित्त वर्ष के दौरान वर्किंग कैपिटल के लिए 50 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ने वाली है. वहीं आने वाले सालों के दौरान कंपनी को अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये की जरूरत होगी. इस तरह कंपनी को 150 करोड़ रुपये के वर्किंग कैपिटल की जरूरत है.


ये भी पढ़ें: हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों ने इस साल बटोरी सुर्खियां, 33 पर्सेंट तक दिया ईयर-टू-डेट रिटर्न