ऑनलाइन बैंकिग के दौर में जालसाजी करने वाले भी तरह-तरह के हत्थकंडे अपना रहे हैं. इनमें से एक तरीका केवाईसी वेरिफिकेशन का भी है. केवाईसी यानी नो योर कस्टमर वेरिफिकेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके जरिए बैंक यह सुनिश्चित करते हैं कि ग्राहक जेनुइन है या नहीं.
इस बात का ख्याल हमेशा रखें कि केवाईसी वेरिफिकेशन फोन कॉल, SMS या ईमेल के जरिए नहीं होती है. अगर आपके पास कोई कॉल या मैसेज आता है कि जो इन तीन तरीकों से आपका केवाईसी वेरिफिकेशन करने की बात करता है तो समझ ले कि यह धोखाधड़ी की कोशिश है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ग्राहकों को ऐसे जालसाजों अलर्ट रहने को कहा है. बैंक ने यह भी कहा है कि अगर आपके साथ बैंकिंग फ्रॉड की कोशिश होती है तो इसकी रिपोर्ट https://cybercrime.gov.in पर करें.
एसबीआई ने अपने ग्रहकों को ऐस जालसाजों से बचने के लिए कुछ टिप्स भी दी हैं-
- किसी के भी साथ OTP न शेयर करें.
- रिमोट एक्सेस एप्लीकेशंस को बिल्कुल नजरअंदाज कर दें.
- आधार कार्ड की कॉपी अजनबी लोगों न दें.
- अपनी ताजा कॉन्टैक्ट डिडेल्स बैंक खाते के साथ अपडेट करके रखें.
- इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहना चाहिए.
- मोबाइल और गोपनीय डाटा किसी के साथ भी शेयर न करें.
- किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले जरुर एक बार सोच लें.
यह भी पढ़ें:
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अंबाला में दिखाए गए काले झंडे