Banking System: भारतीय इकोनॉमी (Indian Economy) के साथ-साथ बैंकिंग सिस्टम (Banking System)के लिए भी साल 2023 कमाल का रहा. बैंकिंग सिस्टम में जमा रकम दोगुनी हो गई. बैंकों में जमा रकम पिछले साल 200 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है. सितंबर, 2016 में यह रकम 100 लाख करोड़ रुपये थी. इसमें सालाना आधार पर 9.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.

   


पिछले साल के मुकाबले 13.2 फीसदी बढ़ा


भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के आंकड़ों के अनुसार, यह भारतीय बैंकों में जमा पैसे (Bank Deposits) का सबसे कम समय में 100 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का आंकड़ा है. आरबीआई के अनुसार, 29 दिसंबर, 2023 तक बैंक डिपाजिट का आंकड़ा 200.8 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. यह पिछले साल के मुकाबले 13.2 फीसदी बढ़ा है.


म्यूच्यूअल फंड में अब ज्यादा पैसा लगा रहे लोग 


केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस रकम में से 176 लाख करोड़ रुपये टर्म डिपॉजिट और बाकी का पैसा सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) एवं करेंट अकाउंट ((Current Account)) में पड़ा हुआ है. बैंक एडवांस इस अवधि में 159.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इसमें 2022 के मुकाबले लगभग 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. पिछले कुछ सालों में घरेलू बचत का रुख म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) की तरफ मुड़ा है. लोग अब अपनी बचत को इन फंड्स में लगा रहे हैं. 


म्यूच्यूअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम बैंक जमा का एक चौथाई हुआ 


साल 2023 में म्यूच्यूअल फंड इंडस्ट्री के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (Assets Under Management) में रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपये जुड़े हैं. इसके चलते इंडस्ट्री का कुल एयूएम (AUM) 50 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है. साल 2023 में म्यूच्यूअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम बैंक जमा का एक चौथाई हो चुका है. साल 2003 में बैंकों में जमा कुल रकम 12.6 लाख करोड़ रुपये थी और म्यूच्यूअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम सिर्फ 1.2 लाख करोड़ रुपये था. यह कुल बैंक जमा का लगभग 10वां हिस्सा था. 


बैंकों में जमा पैसा तेजी से हुआ है दोगुना 


पिछले कुछ सालों में बैंकों में जमा पैसा भी तेजी से बढ़ा है. साल 1997 में यह रकम 5.1 लाख करोड़ रुपये थी. इसे दोगुना होकर 10 लाख करोड़ रुपये होने में लगभग 4 साल लगे. इसके बाद मार्च, 2006 में यह रकम दोगुनी होकर 20 लाख करोड़ रुपये हो गई. सबसे तेजी से यह रकम दोगुनी मार्च, 2006 से जुलाई, 2009 के बीच हुई थी. इस दौरान बैंक जमा का आंकड़ा 40 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था.


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