Ban on Broken Rice Export: देश में केंद्र की मोदी सरकार ने 8 सितंबर 2022 से टूटे हुए चावलों पर बैन लगा रखा है. सरकार का ये फैसला चावलों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लिया गया था. सरकार ने अपने इस फैसले में थोड़ी बहुत ढील दे दी है. आपको बता दे कि सरकार ने कुछ लोगों को ब्रोकन राइस (Broken Rice) के एक्सपोर्ट को मंजूरी दी है.
ये करेंगे एक्सपोर्ट केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक नोटिस में कहा गया कि, सरकार ने 3.97 लाख टन के ब्रोकन राइस को एक्सपोर्ट करने की मंजूरी दे दी है. सरकार ने उन लोगों को एक्सपोर्ट की राहत दी है, जिन्होंने 8 सितंबर से पहले Broken Rice के एक्सपोर्ट पर कॉन्ट्रैक्ट लिए हुए थे. मालूम हो कि इन लोगों ने सरकार से गुहार लगाई थी, जिसके बाद सरकार ने ये फैसला लिया है.
8 सितंबर से पहले कॉन्ट्रैक्ट को राहतकेंद्र सरकार ने 8 सितंबर 2022 से पहले कॉन्ट्रैक्ट या ऑर्डर कर चुके ब्रोकन राइस का एक्सपोर्ट कर सकते हैं. सरकार ने एक्सपोर्ट करने की डेडलाइन 31 मार्च 2023 है, यानी कि अगले साल के मार्च महीने तक एक्सोपर्ट कर सकते हैं.
क्यों लगाया था बैनआपको बता दे कि केंद्र सरकार ने देश में चावल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए Broken Rice के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि आगे चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध का दायरा और बढ़ाया जा सकता है. सरकार ने चावल के विभिन्न ग्रेड के निर्यात पर 20 फीसदी ड्यूटी लगाने का भी फैसला लिया था.
चावल का सबसे बड़ा उत्पादक भारत चीन के बाद भारत देश चावल का सबसे बड़ा उत्पादक देश माना जाता है. चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का 40 फीसदी हिस्सा है. सरकार ने उसना चावल को छोड़कर गैर-बासमती चावल पर 20 फीसदी का निर्यात शुल्क लगा दिया है. चालू खरीफ सत्र (Kharif Season) में धान फसल का रकबा काफी घट गया है. ऐसे में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने यह कदम उठाया है.
ये भी पढ़ें