नई दिल्ली: आम बजट आने में बस 19 दिन बाकी रह गए हैं और 20वें दिन यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट पेश करने वाले हैं. लिहाजा अब नोटबंदी से प्रभावित वाहन उद्योग की नजर आम बजट पर है. नवंबर से लागू की गई नोटबंदी से ऑटो सेक्टर पर काफी असर पड़ा और इसके चलते कारों और 2 व्हीलर्स की बिक्री पर भारी असर पड़ा है. ऐसे में ऑटो सेक्टर की उम्मीद है कि बजट में ऐसे उपाय होंगे जिससे कि ग्राहकों के सेंटीमेंट में सुधार होगा. ऑटोमोबाइल सेक्टर को उम्मीद है कि बजट में ऑटो इंडस्ट्री के मॉर्डनाइजेशन और इलेक्ट्रिक वहीकल्स को बढ़ावा देने के उपाय किये जायेंगे.

सोसायटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्यूफैक्चर्स (सियाम) के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा है, ‘‘हम सभी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार बजट में ऐसे उपाय करेगी जिससे कि ग्राहक सेंटीमेंट में सुधार होगा और कारोबार बढ़ेगा.’’ उन्होंने कहा कि सरकार से सबसे बड़ी उम्मीद यह है कि बजट में खर्च योग्य इनकम बढ़ाने के उपाय किये जायेंगे. ऑटो इंडस्ट्री चाहती है कि बजट में कमर्शियल व्हीकल और पैसेंजर व्हीकल्स के लिये ठोस नीतिगत पहल की जाये.

माथुर ने कहा, ‘‘हमने यह भी कहा है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिये फेम योजना को आगे बढ़ाया जाना चाहिये क्योंकि ज्यादातर कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं.’’ पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने 2015 में फेम इंडिया योजना की शुरुआत की है. योजना के तहत इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के लिये प्रति बाइक 29,000 रुपये और प्रति कार 1.38 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन पेशकश की थी. इसमें पहले 2 वित्त वर्ष के लिये 795 करोड़ रुपये का बजट दिया गया था.

अगर ऑटो सेक्टर को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए स्पेशल पैकेज मिलता है तो ग्राहकों को उसका फायदा होगा क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्यूफैक्चरिंग सस्ती होने से ये वाहन भी सस्ते होंगे और इनकी कीमतें नीचे आने की उम्मीद है. आपको बता दें कि पेट्रोल-डीजल के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का परिचालन ग्राहकों को सस्ता पड़ता है.