Retail Inflation In India: देश में महंगाई के आंकड़ों में थोड़ा इजाफा हुआ है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के मांपे गए महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में जहां महंगाई 1.61 प्रतिशत थी, वहीं अब यह बढ़कर अगस्त में 2.07 प्रतिशत हो गई है. महंगाई में यह हल्की बढ़ोतरी खासकर हरी सब्जियों, मछली, तेल, अंडा, खाने के तेल और अन्य रोजमर्रा की चीजों में इजाफे की वजह से हुई है.

Continues below advertisement

खाद्य महंगाई में गिरावट

हालांकि, खाद्य महंगाई लगातार तीसरे महीने निगेटिव में -0.69 प्रतिशत पर बनी हुई है. हालांकि, जुलाई महीने की तुलना में इसमें जरूर कुछ बढ़ोतरी हुई है, जब यह गिरकर -1.76 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. अगर ग्रामीण इलाकों की बात करें तो ओवर ऑल मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 1.18 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 1.69 प्रतिशत हो गई है. इसके साथ ही, देशभर में खाद्य महंगाई में कुछ सुधार आया है और यह -1.74 प्रतिशत से बढ़कर -0.70 प्रतिशत पर आ गई है.

Continues below advertisement

शहरी इलाकों में मुद्रास्फीति के आंकड़ों में अगस्त के महीने में तेजी देखी गई और यह जुलाई के 2.10 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर अगस्त में 2.47 प्रतिशत पर आ गई है. लेकिन शहरों में भी खाद्य महंगाई में पिछले महीने के -1.90 प्रतिशत के मुकाबले गिरकर 0.58 प्रतिशत पर आ गई है.

हाउसिंग प्राइस में भी गिरावट

अलग-अलग सेक्टर के अलग रुझान सामने आए हैं. हाउसिंग प्राइस जुलाई के महीने के 3.17 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में कम होकर 3.09 प्रतिशत पर आ गई है. इसी तरह से एजुकेशन खर्च एक महीने पहले के 4.11 प्रतिशत की तुलना में अगस्त में कम होकर 3.60 प्रतिशत पर आ गई है. जबकि हेल्थ इन्फ्लेशन भी 4.57 प्रतिशत से थोड़ा कम होकर 4.40 प्रतिशत पर आ गई है.

हालांकि, अगस्त में खुदरा महंगाई में हल्की बढ़त के बावजूद यह हाल के वर्षों के मुकाबले काफी निचले स्तर पर बनी हुई है. इसके साथ ही, आरबीआई के अनुमानित लक्ष्य 2-6 प्रतिशत के बीच बनी है.

आनंद राठी ग्रुप के मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुजान हाजरा ने कहा कि भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अगस्त 2025 में बढ़कर 2.07 प्रतिशत हो गई, जबकि जुलाई 2025 में यह 1.6 प्रतिशत थी. यह वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों और खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई. हाजरा ने कहा कि अभी भी मुद्रास्फीति आरबीआई के संतोषजनक स्तर से नीचे है. इसलिए उम्मीद है कि अक्टूबर में होने वाली अपनी अगली बैठक में आरबीआई ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है.

ये भी पढ़ें: ये शेयर या फिर पारस पत्थर, आईपीओ में पहले ही दिन शेयर मार्केट में मचा दिया भारी गदर