रेवेन्यू बढ़ने पर सीमेंट, एसी, बड़े टीवी पर भी कम हो सकती है जीएसटी दरें: अरुण जेटली
एजेंसी | 27 Jul 2018 06:15 PM (IST)
जीएसटी लागू होने के बाद पिछले एक साल में 384 सामानों पर टैक्स की दर कम हुई है. केंद्र और राज्य स्तर के कुल 17 टैक्स को मिला कर नया जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था.
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने आज विश्वास जताया कि आने वाले समय में राजस्व बढ़ने पर सीमेंट, एसी और बड़े टेलीविजन सेट पर जीएसटी की दरें कम होगी और केवल लग्जरी और अहितकर (नुकसान पहुंचाने वाले) प्रोडक्ट्स ही टैक्स की सबसे ऊंची 28 फीसदी की दर के दायरे में रह जाएंगे. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद पिछले एक साल में 384 सामानों पर टैक्स की दर कम हुई है. केंद्र और राज्य स्तर के कुल 17 करों को मिला कर नया जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था. पहले लगता था 31% टैक्स, अब हुआ कम जेटली ने आज अपने फेसबुक पेज पर एक लेख में कहा कि जीएसटी से पहले की टैक्स प्रणाली में घरों में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर सामान पर 31 फीसदी टैक्स लगता था. उन्होंने उसे ‘कांग्रेसी विरासत कर’ का नाम दिया. उन्होंने कहा कि घरेलू इस्तेमाल के सभी सामानों पर टैक्स की दरें 28 फीसदी से कम करके 18 फीसदी या 12 फीसदी कर दी गयी हैं. 28% टैक्स रेट को भी धीरे-दीरे किया जा रहा है खत्म जेटली ने कहा , ‘आज 28 फीसदी की टैक्स श्रेणी को भी धीरे धीरे खत्म किया जा रहा है. इनमें से बचे अधिकांश सामान या तो लग्जरी के सामान या अहितकर (ऐसे उत्पाद जो नुकसान पहुंचाते हैं) प्रोडक्ट्स के अलावा इस कैटेगरी में बचे अन्य सामानों में सीमेंट, एसी, बड़े स्क्रीन के टेलीविजन सेट और कुछ अन्य प्रोडक्ट्स शामिल हैं.’ उन्होंने कहा , ‘उम्मीद है कि आगे राजस्व में और वृद्धि होने पर ये कुछ सामान भी दूसरी श्रेणी में डाले जा सकते हैं. इस प्रकार 13 महीने की रिकॉर्ड अवधि में जीएसटी काउंसिल ने 28 फीसदी की कैटेगरी को सिलसिलेवार तरीके से लगभग खत्म कर दिया है. यह अब महज थोड़े समय की बात है जबकि ‘कांग्रेसी विरासत कर’ का मर्सिया पढ़ दिया जाएगा और इसमें सिर्फ लग्जरी और विलासिता के सामान ही बचेंगे.’ सर्विस सेक्टर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी 68 कैटेगरी में टैक्स की दरें कम हुई हैं. सरकार को 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान जेटली ने कहा ‘जीएसटी दरें कम करने से सरकार को राजस्व में करीब 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. चूंकि राज्य सरकारों को पहले पांच साल के दौरान जीएसटी के पहले वाले स्तर से सालाना 14 फीसदी राजस्व वृद्धि की गारंटी दी गयी है इस लिए टैक्स कटौती का पूरा बोझ केंद्र सरकार ने वहन किया है.’ जेटली ने कहा , ‘सीमेंट को छोड़कर कंस्ट्रक्शन के कामों में काम आने वाले अन्य सभी सामानों पर जीएसटी दरें कम हुई हैं. बिजली से चलने वाले ज्यादातर घरेलू सामानों पर भी दरें कम हुई हैं. खरीदारों को जीएसटी से तैयार इस वातावरण से अच्छा खरीदारी का अवसर पहले कभी नहीं था. यह आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार का जश्न मनाने का मौका है जिससे ‘ कांग्रेसी विरासत कर’ की जगह ‘गुड एंड सिम्पल टैक्स (एक अच्छा और सरल कर)’ आ गया है. गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की पिछले हफ्ते हुई बैठक में 88 तरह के उत्पादों पर टैक्स कम करने का फैसला किया गया. यह कटौती आज से लागू हो गई है.