India's Richest IAS: सिविल सर्विस की परीक्षा (CSE) भारत के सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है. लोग इसे क्रैक करने के लिए सालों जी लगाकर मेहनत करते हैं ताकि IAS और IPS ऑफिसर बनकर देश की सेवा कर सके. इन्हें भारत की सबसे प्रेस्टीजियस सर्विसेज में से भी एक माना जाता है.

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इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) सरकार और एडमिनिस्ट्रेशन में अहम रोल निभाते हैं. इस पद में पैसा और प्रतिष्ठा दोनों है. आज हम आपको इस सिलसिले में एक ऐसे ही IAS ऑफिसर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें देश के सबसे अमीर आईएएस ऑफिसर का दर्जा मिला हुआ है. यहां बात की जा रही है भारत के सबसे फेमस IAS अफसरों में से एक अमित कटारिया की. 

कितना है IAS का नेटवर्थ? 

IAS ऑफिसर अमित कटारिया हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं और फिलहाल उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ में हो रखी है. उन्हें यहां स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य सचिव बनाया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, IAS अमित कटारिया की अनुमानित नेटवर्थ 8.90 करोड़ रुपये है.अमित कटारिया कई बार सुर्खियों में आ चुके हैं.

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एक बार वह तब सुर्खियों में आए थे, जब  उन्होंने सिर्फ एक रुपये की ऑफिशियल सैलरी लेने का फैसला किया था. कटारिया की कहानी उन लोगों के लिए इंस्पायरिंग है, जो सिविल सर्विस में काम करने की चाह रखते हैं. उनकी पत्नी पेशे से पायलट हैं. अपनी दौलत के साथ-साथ अमित अपने काम के प्रति जुनून और समर्पण के लिए भी जाते हैं. 

विवादों में आ चुके हैं IAS कटारिया

हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले अमित कटारिया ने IIT दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके बाद 2003 में UPSC एग्जाम में 18वां स्थान हासिल किया था. इंजीनियरिंग करने के दौरान ही उन्होंने कई बड़ी विदेशी कंपनियों से जॉब ऑफर आए, लेकिन उन्होंने आईएएस बनने की ही ठानी. सबसे पहले खबरों की हेडलाइन में वह तब आए थे, जब उन्होंने काला चश्मा लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. यह साल 2015 की बात है. पीएम मोदी उस दौरान मई के महीने में बस्तर के दौरे पर आए थे. तब बस्तर के कलेक्टर अमित कटारिया थे.

सबसे पहले पीएम मोदी विशेष विमान से जगदलपुर पहुंचे और फिर वहां तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के साथ मिलकर अमित कटारिया ने पीएम मोदी का स्वागत किया. इस दौरान अमित कटारिया ने सनग्लासेज और नीले रंग की शर्ट पहनकर लोगों का ध्यान खींचा. इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना गया था. इसके चलते कटारिया को शो कॉज नोटिस भी इश्यू हुआ था. हालांकि, इस विवाद के बावजूद प्रशासन में उनके योगदान, पारदर्शिता और कल्याण को बढ़ावा देने के प्रयासों ने उन्हें पहचान और सम्मान दिलाया.

भाजपा नेता को कहा था 'गेट आउट'

बात साल 2011 की है. उस समय कटारिया रायगढ़ के कलेक्टर थे. भाजपा नेता रोशनलाल अग्रवाल को उन्होंने तब 'गेट आउट' कहकर अपने ऑफिस से भगा दिया था, जब वह रायगढ़ के जूटमिल क्षेत्र में गौरवपथ निर्माण के दौरान हो रहे अतिक्रमण को लेकर गरीबों का पक्ष रखने के लिए वह उनसे मुलाकात करने पहुंचे हुए थे. 

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