भारतीय शेयर बाजार में आयी बड़ी गिरावट पर एक्सपर्ट्स ने सोमवार को कहा है कि निवेशकों को अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में यूरोपीय यूनियन (ईयू) और अन्य देशों की कार्रवाई पर निगाह रखनी होगी. मार्केट एक्सपर्ट सुनील शाह ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि शेयर बाजार में आज हुई करीब 4 प्रतिशत की गिरावट अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ के जवाब में चीन की ओर से 34 प्रतिशत टैरिफ के कारण है.

सुनील शाह ने आगे कहा, "सभी निवेशक जानते हैं कि टैरिफ से किसी भी देश को भी फायदा नहीं होने वाला है और इस वजह से दुनिया के बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है." उन्होंने आगे कहा कि शेयर बाजार में आगे का एक्शन यूरोपीय यूनियन (ईयू) और अन्य देशों की कार्रवाई पर निर्भर करेगा.

अर्थशास्त्री, पंकज जयसवाल ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया पहली बार रिसेट मोड में है, जिसके कारण भारत समेत दुनिया के शेयर बाजारों में भारी गिरावट हुई है. उन्होंने आगे कहा कि ट्रेड वार के कारण दुनिया में मंदी और महंगाई का खतरा है और इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका पर ही होगा.

रिसेट मोड में दुनिया

ट्रेड वार से भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में है. सेंसेक्स 2,849 अंक या 3.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72,515 और निफ्टी 910 अंक या 3.97 प्रतिशत की गिरावट के साथ 21,991 पर था. अधिकांश एशियाई बाजारों में बिकवाली देखी गई. टोक्यो, शंघाई, बैंकॉक, सियोल और हांगकांग में 11 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है.

रेसिप्रोकल टैरिफ के कारण शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई. डाओ 5.50 प्रतिशत और टेक्नोलॉजी इंडेक्स नैस्डैक लगभग 5.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ. वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच तेल की कीमतों में तेज गिरावट आई है. ब्रेंट क्रूड 2.67 प्रतिशत गिरकर 63.82 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड 2.69 प्रतिशत गिरकर 60.31 डॉलर प्रति बैरल पर है.

दवा की कड़वी घूंट

ऑस्ट्रेलिया के एस एंड पी 200 में 6.5 प्रतिशत की गिरावट के सात 7184.70, दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 5.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2328.52 पर रहा. इससे पहले, अमेरिकी नैस्डैक में शुक्रवार को करीब 7 फीसदी की गिरावट पर बाजार बंद हुआ था. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये गिरावट तो कुछ भी नहीं है, अगर स्थिति नहीं संभली तो अमेरिकी मार्केट का हाल ऐसा हो सकता है, जैसा 1987 में हुआ था.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ के एलान के बाद से लगातार शेयर बाजारों में गिरावट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कभी-कभी किसी चीज को ठीक करने के लिए कड़वी दवा देनी पड़ती है. ट्रंप ने ये साफ कर दिया कि इसमें कोई चिंता की बात नहीं है. जबकि, दूसरी तरफ एशियाई शेयर बाजारों पर सोमवार को भारी गिरावट का दौर देखने को मिला है, जहां जापान के निक्केई में मार्केट ओपन होते ही 225 प्वाइंट्स की गिरावट हुई. 

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