Tax On Gold Assets: सोने की कीमतों में हालिया सालों में भारी उछाल देखने को मिला है. 20 साल पहले के अक्षय तृतीया से लेकर मौजूदा वर्ष के अक्षय तृतीया तक सोने के दामों में 1000 फीसदी का उछाल आ चुका है.  सोने को मुनाफे में बेचने पर जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस बनता है उसपर टैक्स का भुगतान करना होता है.  लेकिन आप टैक्स के भुगतान से खुद को बचा भी सकते हैं.  गोल्ड एसेट्स ( Gold Assets) बेचने पर बनने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस ( LTCG) पर जो मुनाफा बनता है उसपर टैक्स छूट ( Tax Deduction) हासिल किया जा सकता है. ये छूट  इनकम टैक्स ( Income Tax) की धारा सेक्शन 54F के तहत हासिल किया जा सकता है.  


अगर आप गोल्ड एसेट्स को 36 महीने से ज्यादा अवधि तक के लिए होल्ड करते हैं तो उसे बेचने पर जो मुनाफा बनता है उसपर लॉन्ग टर्म टैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होता है. लेकिन अगर निवेशक गोल्ड एसेट के खरीदने के 36 महीने के भीतर ही बेच देता है तो उसपर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन बनता है. सोने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स, इंडेक्सेशन बेनेफिट के साथ 20 फीसदी है. जबकि 3 साल के अवधि के भीतर सोने को बेचने पर जो शॉर्ट टर्म बेनेफिट गेन होता है, उसे बेचने पर जो मुनाफा बनता है उसे व्यक्ति के इनकम में जोड़ दिया जाता है. और वो व्यक्ति जिस टैक्स स्लैब में आता है उस हिसाब से उसपर टैक्स लगाया जाता है. उदाहरण के लिए अगर व्यक्ति 30 फीसदी टैक्स स्लैब में आता है तो सोने के खरीद मुल्य और बेचे गए मुल्य में जो अंतर होगा उसपर 30 फीसदी के दर से टैक्स का भुगतान करना होगा. 


इनकम टैक्स की धारा सेक्शन 54F के तहत हाउस प्रॉपर्टी को छोड़ शेयर्स ( Shares), गोल्ड(Gold), बांड्स( Bonds) को बेचने पर जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन बनता है  उसपर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं. अगर आप सोना बेचकर उससे मिले पैसे से हाउस प्रॉपर्टी खरीदते हैं या फिर उसे घर के कंस्ट्रक्शन पर खर्च करते हैं  तो सोना बेचने पर जो मुनाफा हुआ है उस रकम पर इनकम टैक्स की धारा सेक्शन 54F के तहत टैक्स छूट हासिल किया जा सकता है.


सोना बेचने पर हुए मुनाफे के रकम पर टैक्स से बचाने के लिए ऐसे करना होगा इस्तेमाल 


1. सोना बेचने के एक से दो साल के भीतर आपको नया रेडिसेंशियल प्रॉपर्टी खरीदना होगा.


2. या फिर आपको सोना बेचने से मिले रकम के तीन सालों के भीतर नया नया रेडिसेंशियल प्रॉपर्टी का कंस्ट्रक्शन कराना होगा. 


3. गोल्ड एसेट को बेचने पर जो मुनाफा हुए है उसे एनएचएआई, आरईसी के बॉन्ड में निवेश करने पर भी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के भुगतान से बचा जा सकता है. लेकिन इसके लिए गोल्ड एसेट बेचने के छह महीने के अंदर इन बॉन्ड में निवेश करना होगा.  54EC बॉन्ड में निवेश की अधिकतम सीमा 50,00,000 रुपये है.  


4. अगर आप मान लिजिए आप पूरे रकम का इस्तेमाल इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख से पहले घर खरीदने या बनाने पर खर्च नहीं कर पाते हैं तो ऐसे में सोना बेचने पर मिले रकम को किसी भी सरकारी बैंक के कैपिटल गेन अकाउंट में डिपाॉजिट कर सकते हैं. और तय समय सीमा के भीतर आप नई रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं या कंस्ट्रक्शन करा सकते हैं.


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