TCS CEO: देश में आर्थिक उदारीकरण शुरू होने के बाद दुनियाभर की कंपनियां भारत आई थीं. दुनिया की कई कंपनियों ने अपना कारोबार भारत शिफ्ट किया, जिसके चलते देश में यकायक कॉल सेंटर भी बाढ़ आ गई थी. इस सेक्टर ने जबरदस्त तरक्की की और लाखों युवाओं को रोजगार के आसान रास्ते उपलब्ध कराए. मगर, अब इस सेक्टर के खत्म होने की आशंका जताई जाने लगी है. कॉल सेंटर सेक्टर के सामने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विलेन बनकर खड़ी हो गई है. देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के सीईओ (TCS CEO) के कृतिवासन (K Krithivasan) को लगता है कि देश में कॉल सेंटर के पास सिर्फ एक साल का वक्त है. इसके बाद एआई उनके सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी हो जाएगी और कॉल सेंटर बिजनेस को तगड़ी चपत लगेगी. 


पूरे एशिया में एआई का इम्पैक्ट कॉल सेंटर पर दिखाई देगा


टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के सीईओ के कृतिवासन ने फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि पूरे एशिया में एआई का इम्पैक्ट कॉल सेंटर पर दिखाई देगा. कॉल सेंटर की जरूरत कंपनियों को नहीं रह जाएगी. एमएनसी तेजी से एआई को अपनाती जा रहे हैं. इसका असर जल्द दिखाई देने लगेगा. फिलहाल कॉल सेंटर की नौकरियों में कोई कटौती नहीं हुई हैं. हालांकि, नौकरियों पर एआई के असर की आशंका को टाला नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर के पास काम कम आने लगेगा. टेक्नोलॉजी की मदद से कस्टमर्स की समस्याओं का समाधान निकाला जाने लगेगा. जनरेटिव एआई से लैस चैटबॉट कस्टमर्स की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को समझकर वो सारे काम कर सकेंगे, जो कि एक कॉल सेंटर एजेंट करता है. 


कॉल सेंटर और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की नौकरियों पर खतरा 


पूरी दुनिया में कॉल सेंटर और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की नौकरियों पर एआई का खतरा बना हुआ है. भारत को उसके सर्विस सेक्टर के लिए जाना जाता है. ऐसे में एआई से भारत में नौकरियों को और ज्यादा खतरा है. नैसकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की आईटी और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री लगभग 48.9 अरब डॉलर की है. इनके जरिए देश में लगभग 50 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है. 


वर्कफोर्स को बदलते हुए दौर के हिसाब से ट्रेनिंग देनी होगी


के कृतिवासन ने कहा कि टेक इंडस्ट्री में प्रोफेशनल्स की डिमांड न तो तेज होगी और न ही कम. उन्होंने कहा कि हमें अपने वर्कफोर्स को बदलते हुए दौर के हिसाब से ट्रेनिंग देनी होगी. टीसीएस ने देश में लगभग 6 लाख लोगों को रोजगार दिया हुआ है. कंपनी का सालाना रेवेन्यू लगभग 30 अरब डॉलर है. टीसीएस सीईओ ने कहा कि एआई का नौकरियों पर असर तत्काल नहीं दिखाई देगा. इसका लॉन्ग टर्म असर होगा. टेक्नोलॉजी की डिमांड बढ़ रही है. एआई के आने के बाद टीसीएस की क्लाउड बिजनेस यूनिट को 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट मिले हैं. ऐसे में कर्मचारियों की स्किल बढ़ाकर हम उन्हें एआई से लड़ने के लिए तैयार कर सकते हैं.


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