नई दिल्ली: जीएसटी आने के लिए सरकार ने 1 जुलाई की तारीख मुकर्रर की हुई है और इस तारीख के पास आने के साथ-साथ जीएसटी के नियमों को लेकर सफाई आती जा रही है. आज सरकार ने जीएसटी से जुड़े एक और बड़े नियम को साफ कर दिया है जो आपके लिए जानन जरूरी है वर्ना आगे बदले नियमों के तहत आपको दिक्कत हो सकती है.
जानें क्या है नया नियम? वस्तु और सेवाकर-गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के तहत नई इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम व्यवस्था के तहत गुम हुये, चोरी हो गये या नष्ट हुये सामान का अलग रिकार्ड रखना होगा. इसी प्रकार नमूने के तौर पर दिये गये सामान या फिर उपहार में दिये गये सामान का भी रिकार्ड रखना होगा. जीएसटी के तहत रिकार्ड के रखरखाव के लिये तैयार ड्राफ्ट नियमों में कहा गया है कि अकाउंट्स को क्रमानुसार यानी सीरियल वाइज रखना होगा और रजिस्टर में, खातों में या दस्तावेज में कोई कांट-छांट नहीं होगी.
केन्द्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड-सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सीबीईसी) द्वारा जारी इन नियमों के ड्राफ्ट में प्रत्येक गतिविधि के लिये अलग से रिकार्ड रखने को कहा गया है. मैन्यूफैक्चरिंग हो या फिर बिजनेस या सर्विसेज के लिये हर गतिविधि का रिकार्ड अलग अलग रखने का प्रोविजन होना जरूरी होगा.
बोर्ड ने कहा है कि :-
वस्तु या सेवाओं यानी सर्विसेज और गुड्स के लिये एक सही और सच्चा अकाउंट रखना होगा. इसके लिये संबंधित डॉक्यूमेंट, जिसमें कि चालान, सप्लाई बिल, सपुर्दगी चालान, क्रेडिट नोट, डेबिट नोट, प्राप्ति रसीद, भुगतान और रिफंड चालान और ई-वे बिलों को नई जीएसटी व्यवस्था के तहत सुनियोजित तरीके से रखना होगा. हर सामान के स्टॉक का साफ सुथरे तरीके से रिकार्ड रखा जाना चाहिये. माल की प्राप्ति, उसकी आपूर्ति का साफ साफ रिकार्ड रखा जाना चाहिये. शुरू में कितना माल था, कितना प्राप्त हुआ, कितना आपूर्ति किया गया, कितना गुम हो गया, खराब हो गया, समाप्त कर दिया गया या निशुल्क नमूनों के तौर पर दिया गया या फिर उपहार में दिया गया उसका पूरा रिकार्ड होना चाहिये. कच्चा माल कितना है, तैयार माल कितना है, बेकार टुकड़े और अपशिष्ट कितना है सभी रिकार्ड होने चाहिये.
देश में आजादी के बाद जीएसटी को सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जा रहा है. इसे काफी सरल और कम नियमों वाला टैक्स सिस्टम माना जा रहा है जो अलग-अलग राज्यों के टैक्स के कई तरह के टैक्सेज को खत्म करके पूरे देश में एक ही टैक्स सिस्टम के तौर पर लागू हो जाएगा.