रियल एस्टेट सेक्टर में ओवरऑल तेजी के बीच किफायती घरों की बिक्री में लगातार कमी आ रही है. एक ताजी रिपोर्ट में इस बारे में चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं. रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2024 में समाप्त हुई तिमाही के दौरान किफायती घरों की बिक्री में आधी से ज्यादा गिरावट आई. वहीं दूसरी ओर लग्जरी घरों की डिमांड मजबूत बनी हुई है.


पीटीआई की एक रिपोर्ट में हाउसिंग ब्रोकरेज फर्म प्रॉपटाइगर के हवाले से बताया गया है कि जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही के दौरान घरों की कुल बिक्री में किफायती घरों का शेयर कम होकर 22 फीसदी पर आ गया. इससे एक साल पहले की समान तिमाही जनवरी-मार्च 2023 में कुल बिक्री में किफायती घरों का हिस्सा 48 फीसदी रहा था.


2024 की पहली तिमाही में बिक्री


प्रॉपटाइगर के आंकड़ों की मानें तो जनवरी से मार्च 2024 के तीन महीनों के दौरान देश के 8 प्रमुख शहरों में कुल 1 लाख 20 हजार 640 घरों की बिक्री हुई. यह साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में घरों की 41 फीसदी ज्यादा बिक्री है. साल भर पहले जनवरी-मार्च 2023 के दौरान प्रमुख 8 शहरों में घरों की कुल बिक्री 85 हजार 840 यूनिट की रही थी.


सस्ते घरों की डिमांड में नरमी


मार्च 2024 की तिमाही में घरों की हुई कुल बिक्री में 25 लाख रुपये से नीचे के घरों की हिस्सेदारी 5 फीसदी रही. लो-कॉस्ट हाउसिंग कैटेगरी यानी 25 लाख रुपये से सस्ते घरों ने साल भर पहले घरों की कुल बिक्री में 15 फीसदी योगदान दिया था. इसी तरह 25 लाख रुपये से 45 लाख रुपये तक के घरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी इस दौरान साल भर पहले के 23 फीसदी से कम होकर 17 फीसदी पर आ गई. 45 लाख रुपये से नीचे के घरों को अफोर्डेबल यानी किफायती सेगमेंट में गिना जाता है.


महंगे घरों की तेज हुई डिमांड


महंगे घरों के मामले में इस दौरान अलग ही ट्रेंड देखने को मिला है. प्रॉपटाइगर के अनुसार, जनवरी-मार्च 2024 की तिमाही में 45 लाख रुपये से 75 लाख रुपये तक की कैटेगरी में घरों की बिक्री लगभग फ्लैट रही है और कुल बिक्री में उनका हिस्सा 26 फीसदी बना रहा है. 75 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक के घरों का शेयर इस दौरान 12 पर्सेंट से बढ़कर 15 पर्सेंट पर पहुंच गया है. वहीं 1 करोड़ रुपये से ऊपर के घरों के मामले में कुल बिक्री में शेयर साल भर पहले के 24 फीसदी से बढ़कर 37 फीसदी पर पहुंच गया है.


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