Upcoming IPO: ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस स्नैपडील (Snapdeal) की पेरेंट कंपनी ऐसवेक्टर (AceVector) ने भी शेयर मार्केट में कदम रखने की तैयारी तेज कर दी है. बताया जा रहा है कि कंपनी ने गुपचुप तरीके से मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर जमा कराया है.
ऐसवेक्टर ने शनिवार को दी यह जानकारी
ऐसवेक्टर ने शनिवार को कहा कि इसने सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों के पास प्री-फाइल्ड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा कर दिया है, जो स्टॉक एक्सचेंज के मेन बोर्ड पर अपने इक्विटी शेयरों के प्रस्तावित आईपीओ को लेकर है. गुरुग्राम बेस्ड ऐसवेक्टर स्नैपडील के अलावा, सॉफ्टवेयर-एज-अ-सर्विस (SaaS) प्लेटफॉर्म यूनिकॉमर्स और कन्ज्यूमर ब्रांड बिल्डिंग फर्म स्टेलर ब्रांड्स का भी देखरेख करती है. इनमें से, यूनिकॉमर्स 2024 में एक सार्वजनिक रूप से लिस्टेड कंपनी बन गई है. कंपनी के आईपीओ को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला और 168.32 गुना ज्यादा बोली लगी थी.
गोपनीय फाइलिंग का रास्ता चुन रहीं कंपनियां
कुणाल बहल और रोहित बंसल की बनाई कंपनी ऐसवेक्टर ने गुपचुप तरीके से प्री-फाइलिंग का रास्ता चुना है, जिससे ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के तहत आखिरी चरण तक आईपीओ से संबंधित डिटेल्स का सार्वजनिक रूप से खुलासा न हो. यह तरीका उन भारतीय कंपनियों के बीच पॉपुलर होता जा रहा है, जो अपने आईपीओ प्लान में अधिक फ्लेक्सिबिटी चाहती हैं ताकि बिजनेस से संबंधित कोई भी ऐसी संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक न हो, जो किसी प्रतिस्पर्धी कंपनी के लिए काम की साबित हो सकती है.
हाल के महीनों में, आईनॉक्स क्लीन एनर्जी, लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता शैडोफैक्स टेक्नोलॉजीज, स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ग्रो, गजा अल्टरनेटिव एसेट मैनेजमेंट, कॉमर्स इनेबलमेंट प्लेटफॉर्म शिप्रॉकेट, टाटा कैपिटल, एडटेक यूनिकॉर्न फिजिक्सवाला और वियरेबल्स ब्रांड बोट की पेरेंट कंपनी इमेजिन मार्केटिंग सहित कई कंपनियों ने गोपनीय फाइलिंग का रास्ता चुना. 2024 में, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी और रिटेल चेन विशाल मेगा मार्ट ने भी इसी तरह की फाइलिंग के बाद अपने आईपीओ लॉन्च किए.
गोपनीय प्री-फाइलिंग के और भी कई फायदे
गोपनीय तरीके से प्री-फाइलिंग के कई और भी फायदे हैं जैसे कि इससे जल्द से जल्द आईपीओ लॉन्च करने का दबाव नहीं बना रहता. आमतौर पर कंपनियों को सेबी के पास ड्राफ्ट जमा कराने के बाद 12 महीनों के भीतर आईपीओ लॉन्च करना होता है. वहीं, गोपनीय प्री-फाइलिंग का रास्ता चुनने पर यह समय सीमा बढ़कर 18 महीने हो जाती है. इसके अलावा, कंपनियां अपडेटेड DRHP स्टेज तक आईपीओ के साइज में 50 परसेंट तक बदलाव कर सकती हैं.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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