Accenture Layoffs: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का असर ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म एक्सेंचर (Accenture) पर भी दिखने लगा है. कंपनी ने दुनियाभर में 11,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है. यह कदम एक ऐसे समय में उठाया गया है, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तेजी से अपना रहीं कंपनियां अपने कामकाज के तौर-तरीके को बदल रही हैं और अपना वर्कफोर्स घटा रही हैं.

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और भी लोग काम से निकाले जाएंगे बाहर

शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया कि टेक्नोलॉजी और कंसल्टिंग इंडस्ट्री पर छंटनी का असर बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है क्योंकि एआई को तेजी से अपनाने के चलते कंपनियां अपने वर्कफोर्स स्ट्रक्चर और बिजनेस प्रॉयोरिटीज को बदल रही हैं.

कंपनी ने बीते तीन महीने में इतने बड़े पैमाने पर इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की है. कंपनी ने यह भी कह दिया है कि अगर वर्कर्स खुद को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के हिसाब से खुद को रीस्किल नहीं कर पाए, तो छंटनी और भी लोगों की हो सकती है. 

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टेक्नोलॉजी में बदलाव को अपनाने की जरूरत

CEO जूली स्वीट ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि अपने वर्कर्स को रीस्किल करने के बजाय कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी को अधिक सही समझा. उन्होंने कहा, ''टेक्नोलॉजी में बदलाव का एक समय आता है, जहां आपको ट्रेनिंग देने की जरूरत पड़ती है और नए सिस्टम अपनाने पड़ते हैं.''

अगस्त के आखिर में कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 7,79,000 थी. जबकि तीन महीने पहले 7,91,000 कर्मचारी थे. कंपनी ने बताया कि पिछली तिमाही में सेवरेंस सहित अन्य चीजों पर 615 मिलियन डॉलर खर्च हुए और मौजूदा तिमाही में 250 मिलियन डॉलर और खर्च होने की उम्मीद जताई जा रही है. दरअसल, गुरुवार को कंपनी ने 865 मिलियन डॉलर का री-स्ट्रक्चरिंग प्रोग्राम डिटेल किया.

बदल रहा है आने वाला वक्त 

हालांकि, जहां यह बात सच है कि जहां हजारों की तादात में कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं. वहीं, कंपनी वर्कर्स के अपस्किलिंग पर भी जोर दे रही है. एक्सेंचर दुनियाभर में अपने 7,00,000 से ज्यादा कर्मचारियों को एजेंटिक एआई में ट्रेनिंग देने का काम कर रही है. कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने पर कंपनी का किया गया यह निवेश उसके इस भरोसे को दर्शाता है कि आने वाला समय स्केलेबल इंटेलिजेंस सिस्टम का है, जो ऑटोमेटेकली डिसिशन लें और उस हिसाब से काम करे. 

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